दिल्‍ली बॉर्डर से हटेंगे किसान! सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई, जनता की परेशानी का दिया हवाला

सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के आंदोलन की वजह से सड़क जाम को लेकर नाराजगी जताई है और कहा कि इस संबंध में उसके आदेश का पालन करवाना केंद्र व राज्‍य सरकारों का काम है।

Supreme court on farmers blockade: have laid down law, government should implement it
दिल्‍ली बॉर्डर से हटेंगे किसान! सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई  |  तस्वीर साभार: BCCL

नई दिल्‍ली : केंद्र सरकार की ओर से बीते साल लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन बीते करीब 10 महीने से जारी है। दिल्‍ली बॉर्डर पर किसानों का धरना-प्रदर्शन बीते करीब 10 महीने से जारी है, जिसके कारण आम लोगों को भी परेशानी हो रही है। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है, जिस पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि उसने इस संबंध में आदेश पारित कर दिया है, जिसे लागू करवाना अब सरकार का काम है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि उसने पहले ही साफ कर दिया है कि धरना-प्रदर्शन केवल निर्दिष्ट स्थलों पर ही हो सकता है। सड़क जाम होने की वजह से राजस्व का संग्रह बंद है। लोगों को भी दिक्कतें आ रही हैं। इस तरह से राजमार्गों और सड़कों को जाम नहीं किया जा सकता। किसानों को शिकायत हो सकती है, लेकिन सड़क जाम होने की वजह से भी जनता को भी परेशानी है और यही वजह है कि वे इसकी शिकायत कर रहे हैं। अदालत के आदेश को लागू करवाना सरकारों का काम है।

सड़कें नहीं होनी चाहिए बंद : कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में किसानों को भी पक्षकार बनाने की अनुमति केंद्र सरकार को दे दी और मामले की अगली सुनवाई के लिए 4 अक्‍टूबर की तारीख तय की। इससे पहले की सुनवाई में शीर्ष अदालत ने कहा था कि उसकी चिंता कृषि कानूनों की वैधता को लेकर नहीं है, जिसके खिलाफ किसान प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन इस धरना-प्रदर्शन की वजह से लोगों को हो रही परेशानी और ट्रैफिक सुगम नहीं होने से वह जरूर चिंत‍ित है। सड़कों को इस तरह बंद नहीं किया जाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट में यह सुनवाई एक याचिका पर हुई, जिसमें कहा गया कि बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन के चलते आवाजाही की बड़ी समस्‍या हो रही है और इसलिए सड़कों को खोला जाना चाहिए। हरियाणा सरकार ने भी इस मामले में शीर्ष अदालत में हलफनामा दाखिल किया गया था, जिसमें कहा गया कि प्रदर्शनकारी किसानों को राजमार्ग से हटाने के लिए कोशिशें जारी हैं और उन्‍हें सड़क से हटाने के लिए मनाने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं।

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