नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने राफेल लड़ाकू विमान डील मामले में मोदी सरकार को एक बार फिर क्लीन चिट देते हुए कहा कि पुनर्विचार याचिकाएं सुनवाई योग्य नहीं हैं। कोर्ट ने अपने 14 दिसंबर 2018 के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा राफेल डील में जांच और एफआईआर की जरूरत नहीं है। अब राफेल डील की जांच नहीं होगी। तीन जजों की बैंच ने सर्वसम्मति से फैसला लिया। राफेल डील में गड़बड़ी को खारिज किया गया।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसफ की बैंच ने इस मामले पर 10 मई को सुनवाई पूरी की थी। बैंच ने कहा था कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जाएगा। गौर हो कि 14 दिसंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने 58,000 करोड़ के इस समझौते में कथित अनियमितताओं के खिलाफ जांच का मांग कर रही अर्जी को खारिज कर दिया था।
गौर हो कि सुप्रीम कोर्ट ने राफेल मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी और एक्टिविस्ट वकील प्रशांत भूषण समेत कुछ अन्य की याचिकाओं पर फैसला सुनाएगी जिनमें पिछले साल के 14 दिसंबर के उस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की गई है जिसमें फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट से 36 फाइटर विमान खरीदने के मोदी सरकार के राफेल डील को क्लीन चिट दी गई थी।
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