सुप्रीम कोर्ट ने NGOs की विदेशी फंडिंग को लेकर केद्र के अधिनियम को रखा बरकरार, कही ये बात

सुप्रीम कोर्ट ने NGOs की विदेशी फंडिंग को लेकर केद्र के अधिनियम को रखा बरकरार है। दरअसल सरकार द्वारा किए गए संशोधन को कुछ संगठनों ने कोर्ट में चुनौती दी थी।

Supreme Court Upholds amendments in FRCA Act
सुप्रीम कोर्ट ने NGOs की विदेशी फंडिंग को लेकर केद्र के अधिनियम को रखा बरकरार, कही ये बात 
मुख्य बातें
  • विदेशी फंडिंग को लेकर केद्र के अधिनियम संसोधन को सुप्रीम कोर्ट ने रखा बरकरार
  • कुछ एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में दी थी केंद्र के अधिनियम को चुनौती
  • केंद्र ने कहा था कि विदेशी फंडिंग का इस्तेमाल राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में हो रहा है

Supreme Court on  FRCA  Act: सुप्रीम कोर्ट ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण फैसले में गैर सरकारी संगठनों, संघों, कंपनियों और व्यक्तियों द्वारा विदेशी धन की स्वीकृति और उपयोग को विनियमित करने तथा धन के उपयोग का पता लगाने के लिए केंद्र द्वारा किए गए संशोधनों की एक श्रृंखला को बरकरार रखा है। कुछ कुछ गैर सरकारी संगठनों (NGOs) ने केंद्र सरकार द्वारा एफआरसीए एक्ट में किए गए संशोधनों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

केंद्र ने कही थी ये बात

सुप्रीम कोर्ट ने एफआरसीए अधिनियम में संशोधन को बरकरार रखा है। केंद्र ने कोर्ट को बताया था कि राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा और राष्ट्रीय हित में संशोधन जरूरी है। केंद्र ने कहा कि विदेशी से मिलने वाले फंड का इस्तेमाल राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में हो रहा था।  

अधिनियम  के तहत संशोधन निम्नलिखित थे:

  1. निधि का हस्तांतरण: गैर सरकारी संगठनों और अन्य गैर सरकारी संगठनों के विदेशी धन के हस्तांतरण पर प्रतिबंध लगा दिया गया
  2. केवल एक खाता प्राप्त कर सकता है: अधिनियम के तहत, देश भर में एक पंजीकृत एनजीओ सरकार द्वारा निर्दिष्ट बैंक की केवल एक शाखा में विदेशी योगदान स्वीकार कर सकता है। यह भारतीय स्टेट बैंक, संसद मार्ग शाखा, दिल्ली में विशेष रूप से उल्लिखित "एफसीआरए खाता" है। इस खाते में विदेशी अंशदान के अलावा कोई धनराशि प्राप्त या जमा नहीं की जानी चाहिए। प्राप्त अंशदान को रखने या उपयोग करने के लिए व्यक्ति अपनी पसंद के किसी भी बैंक में दूसरा एफसीआरए खाता खोल सकता है।
  3. एक गैर सरकारी संगठन या व्यक्ति जो विदेशी अंशदान प्राप्त कर सकता है, उसे इसका उपयोग केवल उसी उद्देश्य के लिए करना चाहिए जिसके लिए अंशदान प्राप्त किया गया है।
  4. पहले ये कानून था कि एक गैर सरकारी संगठन या व्यक्ति प्रशासनिक खर्चों को पूरा करने के लिए योगदान के 50% से अधिक का उपयोग कर सकता था। बिल के माध्यम से इस सीमा को घटाकर 20% कर दिया गया।

आज सुप्रीम कोर्ट ने विदेशी अंशदान (विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2020 की वैधता की पुष्टि की जो गैर सरकारी संगठनों द्वारा लिए गए धन और उपयोग पर कई नई शर्तें लगाता है। इसके अलावा उनके लिए केवल एक एसबीआई खाते में विदेशी धन प्राप्त करना अनिवार्य बनाता है।

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