Freebies:मुफ्त राजनीति पर चुनाव आयोग का सुप्रीम कोर्ट को जवाब, एक्सपर्ट कमेटी के गठन का किया समर्थन

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गौरव श्रीवास्तव
गौरव श्रीवास्तव | कॉरेस्पोंडेंट
Updated Aug 11, 2022 | 15:54 IST

politics of free promises: पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मुफ्त राजनीति के मुद्दे पर आयोग के जवाब की आलोचना करते हुए कहा था वो इस मामले में गंभीर नहीं है।

politics of free promises
फ्री पॉलिटिक्स का समाज और अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाला असर अलग–अलग कारकों पर निर्भर करता है 

सुप्रीम कोर्ट में मुफ्त वादों की राजनीति लंबित याचिका में केंद्रीय चुनाव आयोग ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है। मुफ्त वादों पर आयोग ने एक एक्सपर्ट कमिटी के गठित किए जाने का सुझाव दिया है। हालांकि संवैधानिक संस्था होने के आधार पर चुनाव आयोग ने खुद को इस कमिटी का हिस्सा न बनाए जाने की बात कही है। कल सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई है।

मुफ्त वादों की राजनीति पर छिड़े घमासान के बीच सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर दाखिल एक जनहित याचिका की सुनवाई कर रही है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने  और एक्सपर्ट कमिटी के गठन पर सुझाव मांगा था। इसी क्रम में केंद्रीय चुनाव आयोग ने हलफनामा सुप्रीम देकर के सामने अपना पक्ष रखा है। क्या कहा है केंद्रीय चुनाव आयोग ने:

विशेषज्ञ समिति का गठन हो

चुनाव आयोग ने मुफ्त वादों की राजनीति की परिभाषा तय करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन पर हामी भरी है। जिसमें सरकारी और गैर सरकारी संगठनों, नीति निर्धारक और अनुसंधान से जुड़ी संस्थाएं, राजनीतिक दलों, कृषि, बैंकिंग, वित्तीय, पर्यावरण, सामाजिक और न्याय क्षेत्र के विशेषज्ञों को शामिल किए जाने का सुझाव दिया है। 

फ्रीबीज (मुफ्त की घोषणा) की परिभाषा तय नहीं

आयोग के मुताबिक फ्रीबीज़ या मुफ्त देने की घोषणा जैसे शब्द किसी भी नीति में शामिल नहीं हैं। ऐसे में गैर जरूरी फ्रीबीज क्या हैं इसको परिभाषित करना मुश्किल है। इसको तय करने की कई आधार हो सकते हैं मसलन किसी भी फ्री योजना से कितनों को फायदा हो सकता है, ये कितने अवधि के लिए चलेगी, किस समय इसकी घोषणा की गई है और किन वर्गों को इसका लाभ मिलेगा।

फ्री पॉलिटिक्स का समाज पर असर

फ्री पॉलिटिक्स का समाज और अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाला असर अलग–अलग कारकों पर निर्भर करता है। सरकारों द्वारा प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़ और भूकंप के समय दवा, अनाज, वित्तीय सहायता देना जीवनदायनी साबित होता हैं वहीं सामान्य दिनों ये चीजें बांटना ‘फ्रीबीज’ की श्रेणी में माना जाएगा। 

कोर्ट की टिप्पणी से आयोग की छवि को हुआ नुकसान

केंद्रीय चुनाव आयोग ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछली सुनवाई में की गई टिप्पणी से आयोग की कई सालों में बनी प्रतिष्ठा को गहरा आघात पहुंचा है। दुनिया के सबसे मजबूत लोकतांत्रिक देश में चुनाव आयोग की छवि को इतना बड़ा नुकसान अच्छा नहीं है। आयोग ने एक पुराने आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि ये सुप्रीम कोर्ट का कर्तव्य है कि वो संवैधानिक संस्थाओं की रक्षा करे। 

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