कोरोना के खिलाफ लड़ाई में निगरानी ही सबसे बड़ा हथियार, करीब 10 लाख लोगों पर रखी जा रही है निगाह

देश
ललित राय
Updated Apr 24, 2020 | 18:23 IST

corona case in india: स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि अब कोरोना के केस 10 दिनों में दोगुना हो रहा है। इसके साथ ही इस बीमारी से ठीक होने वालों की रफ्तार भी बढ़ी है।

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में निगरानी ही सबसे बड़ा हथियार, करीब 10 लाख लोगों पर रखी जा रही है निगाह
पूरे देश में कोरोना के मामले 23 हजार के पार  |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • पूरे देश में कोरोना के अब तक 23 हजार से ज्यादा मामले सामने आए
  • सूरत, अहमदाबाद, हैदराबाद और चेन्नई में केस में बढ़ोतरी
  • बिहार के कुछ दूसरे जिलों में भी कोरोना केस में इजाफा

नई दिल्ली। पूरे देश में कोरोना के अब तक कुल 23, 077 मामले सामने आए हैं। इसमें पिछले 24 घंटें में  1684 केस जुड़े हैं। लेकिन अच्छी बात यह है कि इस संक्रमण की रिकवरी रेट 20.57 फीसद है जो पहले की तुलना में बढ़ी है। इसका अर्थ यह है कि कोरोना संक्रमण के शिकार लोग स्वस्थ भी हो रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि अब 10 दिन में केस दोगुने हो रहे हैं। वो कहते हैं कि आज की तारीख में पिछले 14 दिन में देश के 80 जिलों से कोरोना संबंधित केस सामने नहीं आए हैं। इन सबके बीच नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के निदेशक डॉ सुजीत सिंह ने बड़ी बात कही।

निगहबानी ही बड़ा हथियार
डॉ सुजीत सिंह कहते हैं कि कोविड 19 के खिलाफ लड़ाई में हमारे पास प्रारंभिक हथियार निगहबानी या निगरानी है। इस समय करीब 9 लाख 75 हजार लोगों को सर्विलांस सिस्टम के दायरे में लाया गया है। वो बताते हैं कि इस संक्रमण से बचने के लिए जो सामान्य जरूरत है वो ये है कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग का खुद ब खुद पालन करें। इसके लिए जो दिशानिर्देश जारी किये गए उससे भी बड़ी बात यह है कि लोग खुद अनुशासित बनें। 

सूरत,अहमदाबाद और हैदराबाद में कोरोना केस में इजाफा
इन सबके बीच सूरत, अहमदाबाद, हैदराबाद और चेन्नई में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं।गृह मंत्रालय की प्रवक्ता पुण्य सलिला श्रीवास्तव कहती हैं कि इन इलाकों के दौरे के लिए चार केंद्रीय टीमें दौरा करेंगी। इन टीमों की अगुवाई एडिश्नस सेक्रेटरी स्तर का अधिकारी करेगा। बता दें कि इन सभी शहरों में हाल के दिनों में कोरोना के केस में इजाफा हुआ है। हाल ही में इन शहरों से जुड़ी कई तस्वीरें सामने आई थीं जिसमें देखा जा सकता है कि जमीन पर किस तरह से लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल नहीं रखा।

एम्स निदेशक ने भी कही थी बड़ी बात
एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने बड़ी बात कही थी। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी वजह यह भी हो रही है लोग सामाजिक बिलगाव की डर से मामलों को छिपा रहे हैं और उसका असर आंकड़ों पर दिखाई दे रहा है। जहां तक कोरोना के खिलाफ लड़ाई का सवाल है कि तो सरकार और मेडिकल बिरादरी हर संभव कोशिश कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्लाज्मा थिरेपी के उत्साहवर्धक नतीजे सामने आ रहे हैं, हालांकि यह तरीका कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए पुख्ता उपाय नहीं है। 

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