राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए सुशील मोदी, केंद्र में मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

देश
लव रघुवंशी
Updated Dec 07, 2020 | 17:54 IST

Sushil Modi: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए हैं। संभावना है कि उन्हें केंद्र में मंत्री बनाकर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाए।

Sushil Kumar Modi
सुशील कुमार मोदी  
मुख्य बातें
  • सुशील कुमार मोदी राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित
  • सुशील मोदी के अलावा केवल एक निर्दलीय उम्मीदवार ने नामांकन पत्र दाखिल किया था
  • जांच के दौरान उनका जांच नामांकन खारिज कर दिया गया था

नई दिल्ली: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए। केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक रामविलास पासवान की मौत के बाद बिहार में एक सीट पर राज्यसभा के लिए उपचुनाव होना था। नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तारीख पर सुशील मोदी को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया। 

सुशील मोदी के अलावा एक निर्दलीय उम्मीदवार श्याम नंदन प्रसाद ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था जिसे जांच के दौरान खारिज कर दिया गया। चुनाव अधिकारियों ने कहा कि प्रसाद को प्रस्तावकों के रूप में 243 सदस्यों की विधानसभा के कम से कम 10 सदस्यों का समर्थन नहीं था, जो कि अनिवार्य है। 

सुशील मोदी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई गणमान्य लोगों की मौजूदगी में प्रमाण पत्र सौंपा गया। सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने जाने पर प्रमंडलीय आयुक्त से निर्वाचन प्रमाणपत्र प्राप्त करते हुए।' एक और ट्वीट में उन्होंने कहा कि राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने जाने के पश्चात NDA के वरिष्ठ नेतागण के साथ बधाई ग्रहण करते हुए। 

केंद्र में बन सकते हैं मंत्री

माना जा रहा है कि सुशील मोदी को मोदी सरकार के संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में मौका मिल सकता है। बिहार की राजनीति से जुड़े भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस से कहा था, सुशील कुमार मोदी बिहार में भाजपा के एक बड़े चेहरे के रूप में जाने जाते हैं। इस बार उप मुख्यमंत्री नहीं बने तो उनका सम्मानजनक समायोजन होना जरूरी है। ऐसे में राज्यसभा उन्हें पार्टी भेज रही है। अनुभव को देखते हुए आगे और बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। 

एलजेपी को नहीं दी सीट

बिहार की यह राज्यसभा सीट रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई। पिछले साल एक समझौते के तहत भाजपा ने तत्कालीन एनडीए सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी को यह राज्यसभा सीट दी थी, तब राम विलास पासवान उच्च सदन पहुंचे थे। चूंकि बिहार चुनाव से पहले लोक जनशक्ति पार्टी ने एनडीए का साथ छोड़ दिया, इसलिए भाजपा ने पासवान के निधन से खाली हुई सीट से अपना उम्मीदवार उतारा।

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