हरिद्वार: योग गुरु बाबा रामदेव ने कोरोनिल को लेकर चल रहे विवाद पर सफाई दी है। स्वामी रामदेव ने कहा कि आयुष मंत्रालय ने खुद कहा है कि यह एक अच्छी पहल है। कोविड मैनेजमेंट के लिए जो ट्रायल किया है उसके आधार पर जो तथ्य सामने आए वो हमने रखे। स्वामी रामदेव ने कहा कि अभी क्लिनिकल कंट्रोल ट्रायल का पहला चरण पूरा हुआ है और आगे भी यह चलता रहेगा।
पतंजलि और खुद पर लगे आरोपों से रामदेव आहत दिखे और कहा, 'पंतजलि पर कई तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं कहा जा रहा है कि पंतजलि ने कोई ट्रायल नहीं किया और तरह तरह से सवाल उठाए। कुछ लोगों ने मेरे धर्म को लेकर तरह -तरह की बातें कहीं। ऐसा लगा कि हिंदुस्तान के अंदर मानो योग के बारे में बताना अपराध हो। कुछ सिरफिरे लोगों ने मेरे ऊपर हमला किया। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया में लिखा कि स्वामी रामदेव सलाखों के पीछे जाने वाले हैं। स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण पिछले 35 वर्षों से देश तथा दुनिया के सामने अपनी सेवाएं कर रहे हैं। एक सामान्य परिवार में पैदा होकर बालकृष्ण योग आयुर्वेद का यश बढ़ा रहे हैं।'
आयुष मंत्रालय ने की तारीफ
रामदेव ने कहा, 'कुछ लोगों को भारतीय संस्कृति से मिर्ची लगती है। आपको आपत्ति है तो स्वामी रामदेव को खूब गाली दो। अगर बालकृष्ण को गाली दो। लेकिन ऐसे लोगों के प्रति तो सद्भाव रखो जो कोरोना जैसी बीमारी से पीड़ित है। आज आयुष मंत्रालय ने कहा कि पंतजलि ने कोरोना से लड़ने के लिए एक अच्छी पहल की है। हमें सत्कार की चाह नहीं है लेकिन तिरस्कार तो मत कीजिए।'
ऐसे किया ट्रायल
स्वामी रामदेव ने आगे कहा, 'जब आयुष मंत्रालय ने भी कहा कि 23 जून को जो क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल किया उसमें तीन दिन में 69 फीसदी और 7 दिन में 100 फीसदी मरीज निगेटिव हो गए। हमने अभी एक दौर पूरा किया है और आगे दो, तीन तथा चौथे चरण का भी जल्द करेंगे। हमने डेटा आयुष मंत्रालय को दे दिया। सारे अप्रूवल आयुष मंत्रालय को दे दिए। इस पूरे ट्रायल में देखा गया कि सबसे बड़े खतरा कोरोना के मरीज को इससे है कि वह शरीर के अंदर कई विषाणु तैयार कर लेता है।'
यह कैसा हेट का दौर?
स्वामी रामदेव ने कहा, 'एक ट्रायल पर ड्रग माफियाओं के चूलें हिल गई। ये कहने लग गए कि ये कैसे ट्रायल कर सकते हैं। यह किस तरह का हेट का दौर है। यह पूरी कि पूरी सामंतवादी सोच है कि कोई आचार्य या भगवा पढ़ा हुआ कैसे रिसर्च कर सकता है। हमने लगभग 10 हजार करोड़ का ढांचा तैयार किया है रिचर्स के लिए। ये कार्य और आगे बढ़ेगा और अनुसंधान को हम बहुत दूर तक ले जाना चाहते हैं।'
पारंपरिक तरीके से लिया लाइसेंस
स्वामी रामदेव ने कहा, 'हमने आयुर्वेद का ड्रग लाइंसंस पारंपरिक तीरके से लिया हुआ है। एक बात ये कहना चाहता हूं कि जब हमने ड्रग लाइसेंस के जो पैरामीटर तय हैं उसके अनुसार हमने कोरोनील के एक्टिव कंपोंनेंट हैं उसके आधार पर हमने शोध किया है। आज जो मैं बोल रहा हूं वो विज्ञापन नहीं बल्कि देश के सामने सच रख रहा हूं। मैं कोरोनील में मौजूद तत्वों की जानकारी दे रहा हूं।' रामदेव नेै कहा किअब सारे देश में कोरोनिल के अलावा श्वासारि भी मिलेगी और इम्युनिटी बूस्टर भी मिलेंगे।
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