सलमान रुश्दी पर हमले से चिंतित हैं तसलीमा नसरीन, बोलीं- अब इस्लाम की आलोचना करने वाले किसी भी व्यक्ति पर हो सकता है हमला

अंग्रेजी भाषा के मशूहर लेखक सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) पर एक व्यक्ति ने अमेरिका के न्यूयॉर्क में व्याख्यान से पहले मंच पर चढ़कर चाकू से हमला कर दिया। इस पर चिंतित होते हुए लेखिका तसलीमा नसरीन ने कहा कि गर उन पर हमला किया जाता है, तो इस्लाम की आलोचना करने वाले किसी भी व्यक्ति पर हमला किया जा सकता है।

Taslima nasreen is worried about the attack on Salman Rushdie, said Now anyone who criticizes Islam could be attacked
सलमान रुश्दी पर हमले से चिंचित हैं लेखिका तस्लीमा नसरीन 
मुख्य बातें
  • सलमान रुश्दी पर व्याख्यान के वक्त हमला किया गया।
  • उनपर चाकू से हमला किया गया।
  • लेखिका तसलीमा नसरीन ने इस्लाम की कट्टरता पर चिंता व्यक्त की।

अमेरिका के न्यूयॉर्क में शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान अंग्रेजी भाषा के मशूहर लेखक सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) पर एक व्यक्ति ने जानलेवा हमला कर दिया। इस पर लेखिका तसलीमा नसरीन (Taslima nasreen) ने चिंता जताते हुए ट्वीट किया कि मुझे अभी पता चला कि न्यूयॉर्क में सलमान रुश्दी पर हमला हुआ। मैं सचमुच स्तब्ध हूं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा होगा। अगर उन पर हमला किया जाता है, तो इस्लाम की आलोचना करने वाले किसी भी व्यक्ति पर हमला किया जा सकता है। मैं चिंतित हूं।

समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (एपी) के रिपोर्टर के मुताबिक पश्चिमी न्यूयॉर्क के चौटाउक्का संस्थान में एक कार्यक्रम के दौरान सलमान रुश्दी अपना व्याख्यान शुरू ही करने वाले थे कि तभी एक शख्स मंच पर चढ़ा और रुश्दी को घूंसे मारे या चाकू से हमला कर दिया। अचानक हुए इस हमले से लेखक जमीन पर गिर गए। हमला करने वाले शख्स को नियंत्रित कर उसे हिरासत में ले लिया गया है।

रुश्दी की विवादित पुस्तक ‘द सैटेनिक वर्सेज’ ईरान में 1988 से प्रतिबंधित है। कई मुसलमानों का मानना है कि रुश्दी ने इस पुस्तक के जरिए ईशनिंदा की है। इसे लेकर ईरान के तत्कालीन सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खमनेई ने रुश्दी को मौत की सजा दिए जाने का फतवा जारी किया था।

लेखक सलमान रुश्दी पर अमेरिका में जानलेवा हमला, चाकुओं से गोदकर किया घायल

रुश्दी की हत्या करने वाले को 30 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक का इनाम देने की भी पेशकश की गई। उनके खिलाफ कई इस्लामिक नेताओं ने फतवा जारी किया हुआ है। ईरान की सरकार लंबे समय से खमनेई के फरमान से दूरी बनाए हुए है, लेकिन लोगों में रुश्दी विरोधी भावना बनी हुई है।

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