रामनगरी अयोध्या के सरयू तट के किनारे स्थित प्रमुख नया घाट चौराहे का नाम अब लता मंगेशकर चौक हो चुका है। वहीं इस चौराहे की सुंदरता को बढ़ाने के लिए और स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर की स्मृति में लता मंगेशकर चौक का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है।इस चौक का प्रमुख आकर्षण एक विशालकाय वीणा वाद्य यंत्र ट्रक के जरिए पहुंच गया है। जिसे चौक के मध्य में स्थापित किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसी माह में चौक को बनाकर पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए दिन-रात कार्य चल रहा है।चौक के निर्माण होने से अयोध्या में प्रवेश करने वाले आम पर्यटकों दर्शनार्थियों को एक अद्भुत अनुभव होगा।
40 फीट लंबी वीणा
वही लता मंगेशकर चौराहे पर लगने वाली वीणा के मूर्तिकार अनिल सुतार फाइन आर्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर ने बताया कि 40 फीट लंबी वीणा बनाई गई है. वीणा का निर्माण कांसे से हुआ है। वीणा की नक्काशी प्राचीन पद्धति पर की गई है। और इसका कुल वजन 14 टन है।दरसअल चौराहे पर 45 डिग्री के एंगल पर वीणा को खड़ा किया जाएगा।
वीणा में जमीन में निचले सपोर्ट पर मां लक्ष्मी और मां सरस्वती के चित्र बनाए गए हैं। वीणा के ऊपरी हिस्से में मां सरस्वती का चित्र और उनके आसपास दो मोर आकर्षण का केंद्र होंगे. मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल सुतार ने कहा कि मां सरस्वती का चित्र कमल दल पर है।
(अभिषेक श्रीवास्तव की रिपोर्ट)
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