नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में अवैध रूप से रहने वाले विदेशियों के संबंध में योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपनी मंशा साफ कर दी थी। प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया था कि जो भी विदेशी शख्स गलत तरीके से प्रदेश की सीमा में रहते हुए पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्हें डिटेंशन सेंटर में भेजा जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गाजियाबाद के नंदग्राम में उत्तर प्रदेश का पहला डिटेंशन सेंटर बनकर तैयार हो गया है।
गाजियाबाद के नंदग्राम में डिटेंशन सेंटर
इस डिटेंशन केंद्र में पिछले एक साल से इसमें काम चल रहा था। बताया जा रहा है कि अक्टूबर में इसका उद्घाटन हो सकता है। इमारत की रंगाई-पुताई व मरम्मत का कार्य पूरा हो गया है। इस डिटेंशन सेंटर में तीन बड़े हॉल हैं जिसमें कम से कम 100 विदेशियों को रखा जा सकता है। सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई है। बता दें कि नंदग्राम में दलित छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग दो आंबेडकर छात्रावास बनाए गए थे। पिछले कई वर्ष से छात्राओं के लिए बना छात्रावास बंद है।छात्राओं वाले छात्रावास को डिटेंशन सेंटर बनाने के लिए केंद्र सरकार से बजट जारी हुआ था।
पूरे देश में 11 डिटेंशन सेंटर
अगर पूरे देश की बात करें तो फिलहाल 11 डिटेंशन सेंटर चल रहे हैं। इनमें से सबसे अधिक 6 डिटेंशन सेंटर असम में हैं। दूसरे सेंटर दिल्ली, म्हापसा (गोवा), अलवर जेल (राजस्थान) और अमृतसर जेल (पंजाब) और बेंगलुरु के पास सोंडेकोप्पा(कर्नाटक) में हैं। 2019 के नवंबर तक इसमें अवैध रूप से देश मे रह रहे 1043 अवैध अप्रवासियों को रखा गया था।
असम में बनाया जा रहा है सबसे बड़ा डिटेंशन सेंटर
2012 में असम के ग्वालपारा, कोकराझार और सिलचर की जेलों के अंदर डिटेंशन सेंटर बनाया गया था। बाद में जोरहाट तेजपुर और डिब्रूगढ़ की जेलों में भी डिटेंशन सेंटर बनाए गए। देश का सबसे बड़ा डिटेंशन सेंटर गोवालपारा के मातिया में बनाया जा रहा है, जहां 3000 अवैध अप्रवासियों को रखा जा सकता है। पंजाब और महाराष्ट्र में एक-एक, बंगाल में दो सेंटर बनाने का काम चल रहा है।
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