एक कहावत है कि जाको राखे साइया मार सके न कोई...आज से 4 साल पहले गुजरात के गांधीनगर में जन्मी हुई बच्ची को कचरे की पेटी में फेकने के बाद वह लावरिस मिली बच्ची जीवन का जंग जीतने के लिए अस्पताल के बेड पर मौत से लड रही थी, लेकिन उस बच्ची को क्या पता था कि, उसकी लड़ाई में उसके साथ उपरवाला भी उसकी मदद कर रहा है। 4 साल बाद अहमदाबाद के शिशुगृह में पली-बड़ी उस लावारिस बच्ची को अमेरिका के परिवार ने गोद लेकर उसकी किस्मत ही बदल डाली।
चार साल पहले गुजरात के गांधीनगर में कचरे की पेटी में लवारिस मिली बच्ची का भाग्य बदल गया है। अर्पिता को 4 साल पहले उसके परिवार वालो ने कचरे की पेटी में लावरिस छोड़ दिया था। कचरे की पेटी मिली अर्पिता का तबियत बहुत नाजुक हो गई थी एवं स्थानीय प्रशासन की मदद अर्पिता को अस्पताल में दाखिल किया गया था। चाहे अर्पिता को जन्म देने के बाद उसके परिवारवालो ने छोड़ दिया था लेकिन अर्पिता के साथ ईश्वर था।
धीरे धीरे अर्पिता मौत से जंग जीत गई एवं प्रशासन की मदद से पालन-पोषण के लिए अहमदाबाद के बाल शिशुगृह में रखी गई थी। अर्पिता धीरे-धीरे 4 साल की हो गई एवं उसे क्या पता थी कि उसका परिवार इस दुनिया में ईश्वर ने पहले से बना दिया है। अर्पिता जन्म से ही थोड़ी विशेष जरूरत वाली बच्ची है।
ऑनलाइन बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया में अमरीकी नाथन दंपति ने भारत के गुजरात में अहमदाबाद की अर्पिता को पसंद किया। नाथन दंपति ने गोद लेने की आधिकारिक व कानूनी प्रक्रिया पूरी की एवं अर्पिता को आखिरकार परिवार मिल गया। अब अर्पिता को परिवार का प्रेम और दुलार मिलेगा. पुत्री अर्पिता को गोद लेने के बाद नाथन थोम्पसन ने कहा कि, वे खुश हैं कि उन्होंने पुत्री को गोद लिया है एवं अब अर्पिता का पालन-पोषण एवं अच्छी शिक्षा की जिम्मेदारी हमारी है।
अहमदाबाद के जिला कलेक्टर संदीप सागले शिशु गृह में आयोजित दत्तक ग्रहण समारोह में उपस्थित थे। जिला कलेक्टर संदीप सागले ने हिन्दू रीतिरिवाज से पूजा अर्चना करके अर्पिता के नए परिवार के मुखिया नाथन थोम्पसन को अर्पिता का नया जॉय नाम वाला पासपोर्ट भी देकर अर्पिता को गोद में दिया था। इस मौके पर अहमदाबाद के जिला कलेक्टर संदीप सागले ने कहा कि मैं अमेरिकी दंपति को बेटी गोद लेने के लिए बधाई देता हूं और मुझे विश्वास है कि अर्पिता का भविष्य अब और सुरक्षित होगा। अब अर्पिता को परिवार का प्यार और गर्मजोशी मिलेगी।
गोद लेने की प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद अर्पिता अमरिका जाने के लिए उसके पिता नाथन थोम्पसन के साथ रवाना हो गई थी लेकिन शिशुगृह में अर्पिता के जाने बाद जैसे एक पुत्री के शादी के बाद विदाई का गम होता है वैसा ही गम सभी चेहरे पर झलक रहा था, लेकिन खुशी इस बात की थी कि अर्पिता अब अनाथ नहीं रहेगी एवं वह जॉय बनकर अपना नया जीवन शुरू करेगी।
अमित राजपूत की रिपोर्ट, अहमदाबाद से
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