'The Kashmir files': अतीत की सियासत से BJP पर वार, कांग्रेस ने पूछा-दिल्ली के सिंहासन पर कौन बैठा था?

'The Kashmir files' : कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि कश्मीर से जब कश्मीरी पंडितों का पलायन हुआ उस समय केंद्र में भाजपा के समर्थन से चलने वाली वीपी सिंह की सरकार थी लेकिन क्या वजह रही कि वीपी सिंह की सरकार ने कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार एवं जुल्म रोकने के लिए कदम नहीं उठाए?

The Kashmir files Congress targets BJP, asks why center was silent that time
'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म पर राजनीतिक विवाद बढ़ गया है। 
मुख्य बातें
  • 11 मार्च को सिनेमा घरों में रिलीज हुई विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स'
  • फिल्म में 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों के साथ घाटी में हुए जुल्म को दिखाया गया है
  • इस फिल्म पर राजनीतिक विवाद बढ़ गया है, भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं

'The Kashmir files' Row : कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन पर बनी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' पर राजनीतिक विवाद जोरों पर है। फिल्म को लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं। फिल्म पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी के बाद इस विवाद ने और तूल पकड़ लिया है। इस फिल्म पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम ने मंगलवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक में कहा कि 'सच को दबाने का प्रयास किया गया और जिसे यह फिल्म पसंद न आ रही हो, वह दूसरी फिल्म बना सकता है।' प्रधानमंत्री ने कहा कि क्या वजह रही कि आपातकाल पर कोई फिल्म नहीं बनी। 

कांग्रेस ने BJP से पूछे सवाल

पीएम के इस बयान के बाद कांग्रेस ने भी भगवा पार्टी पर अपने हमले तेज कर दिए। यूपी कांग्रेस ने अपने एक ट्वीट में कहा कि 'कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के वक्त दिल्ली की गद्दी पर मौन साधे कौन बैठा था? नरसंहार न रोकने वाला राज्यपाल किसका प्यादा था? वे पहले समस्या पैदा करते हैं, फिर समस्या हल करने की जगह उसे बनाये रखकर लाभ लेने की घृणित कोशिश करते हैं।' जाहिर तौर पर कांग्रेस ने इस ट्वीट के जरिए तत्कालीन पीएम वीपी सिंह और जम्मू कश्मीर के राज्यपाल जगमोहन की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। 



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जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल जगमोहन 'आरएसएस के व्यक्ति' थे-कांग्रेस
कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि कश्मीर से जब कश्मीरी पंडितों का पलायन हुआ उस समय केंद्र में भाजपा के समर्थन से चलने वाली वीपी सिंह की सरकार थी लेकिन क्या वजह रही कि वीपी सिंह की सरकार ने कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार एवं जुल्म रोकने के लिए कदम नहीं उठाए? कांग्रेस का कहना है कि उस समय जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल जगमोहन 'आरएसएस के व्यक्ति' थे लेकिन उन्होंने भी कश्मीरी पंडितों के लिए राजभवन के दरवाजे बंद कर लिए। कांग्रेस ने इस ट्वीट में वीपी सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी एवं लालकृष्ण आडवाणी की तस्वीर भी शेयर की है। 

आतंकियों ने कश्मीरी पंडितों की हत्या की
दरअसल, 1990 की शुरुआत में कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों का नरसंहार हुआ। आतंकवादियों ने घाटी से इन कश्मीरी पंडितों को भगाने के लिए टार्गेट किलिंग की। उनके घरों में आग लगा दी। संपत्तियों पर कब्जा कर लिया। अत्याचार एवं जुल्म से बचने एवं खुद को बचाने के लिए लाखों कश्मीरियों ने घाटी से पलायन किया। ये कश्मीरी देश के अलग-अलग हिस्सों में रहने लगे। कश्मीर में अब बहुत सीमित संख्या में कश्मीरी पंडित बचे हैं। बीच-बीच में सरकार इनके पुनर्वास की कोशिशें करती रही है। 

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11 मार्च को रिलीज हुई 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म
विवेक अग्निहोत्री का कहना है कि यह फिल्म सही तथ्यों एवं घटनाओं पर आधारित है। 11 मार्च को यह फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हुई। फिल्म के प्रदर्शित होने के बाद से बड़ी संख्या में लोग इसे देखने के लिए पहुंच रहे हैं। दर्शकों का कहना है कि जो सच्चाई दबाकर रखी गई थी वह अब सामने आ गई है। जयपुर, फरीदाबाद सहित कई शहरों में कश्मीरी पंडितों को इंसाफ देने एवं दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी उठी है। सोमवार को हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने थियेटर में जाकर यह फिल्म देखी।   
 

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