Women Fighter Pilot: एक्सपेरिमेंट नहीं अब परमानेंट होंगी 'महिला फाइटर पायलट', सरकार का बड़ा फैसला

रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना में महिला लड़ाकू पायलटों को शामिल करने की एक्सपेरिमेंट योजना को स्थायी यानी परमानेंट में बदलने का फैसला किया है। 

Women Fighter Pilots
"एक्सपेरिमेंट नहीं अब परमानेंट होंगी महिला फाइटर पायलट" 

नई दिल्ली:  भारत सरकार ने भारतीय वायु सेना (IAF) में महिला लड़ाकू पायलटों को शामिल करने की प्रायोगिक योजना को स्थायी योजना में बदलने का फैसला किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्विटर पर घोषणा की है। राजनाथ सिंह ने एक ट्वीट में कहा, "यह भारत की 'नारी शक्ति' की क्षमता और हमारे प्रधानमंत्री श्री @narendramodi की महिला सशक्तिकरण की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।"

फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी, फ्लाइंग ऑफिसर भावना कंठ और फ्लाइंग ऑफिसर मोहना सिंह जून 2016 में वायु सेना अकादमी, डुंडीगल में संयुक्त स्नातक परेड में लड़ाकू पायलट बनने वाली पहली महिला बनीं थीं।

हाल ही में, अपने राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) परेड संबोधन में, पीएम नरेंद्र मोदी ने सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका पर सरकार के जोर को रेखांकित किया था। एक महत्वपूर्ण डेवलेपमेंट में रक्षा मंत्रालय ने जुलाई 2022 से राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में महिलाओं के प्रवेश को भी मंजूरी दी। संभावित महिला उम्मीदवारों के पहले बैच के लिए लिखित परीक्षा नवंबर 2021 में आयोजित की गई थी।

साल 2018 में भारतीय वायु सेना की फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी ने अकेले लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रच दिया था उन्होंने अपनी पहली सिंगल उड़ान में मिग-21 बाइसन उड़ाया था वहीं रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सेना, नौसेना और वायुसेना में महिलाओं का प्रतिनिधित्व क्रमश: 0.59 फीसदी, छह फीसदी और 1.08 फीसदी है।

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