भविष्य की लड़ाइयों का स्वरूप अलग होगा, हाइब्रिड तरह से लड़े जाएंगे युद्ध- एयर मार्शल वी आर चौधरी

एयर मार्शल वी आर चौधरी का कहना है कि आने वाले समय में लड़ाइयों में दुश्मन कौन होगा उसे बता पाना मुश्किल होगा। अगले युद्ध हाइब्रिड तरीके से लड़े जाएंगे जो पारंपरिक तरीकों से पूरी तरह अलग होंगे।

Air Marshal V R Choudhary, War, Conventional Warfare, Hybrid Fighting, Indian Air Force, China, Pakistan
भविष्य की लड़ाइयों का स्वरूप अलग होगा, हाइब्रिड तरह से लड़े जाएंगे युद्ध- एयर मार्शल वी आर चौधरी 
मुख्य बातें
  • आने वाले युद्ध, पारंपरिक युद्धों से अलग होंगे-एयर मार्शल वी आर चौधरी
  • भविष्य की लड़ाई हाइब्रिड मोड पर लड़ी जाएंगी
  • हमें अपने युद्ध रणनीति में बदलाव करना होगा

एयर मार्शल वीआर चौधरी का कहना है कि आने वाले  युद्ध में दुश्मन देश या संगठन नहीं हो सकता है हम अपराधियों को कभी नहीं जान सकते। भविष्य का युद्ध कंप्यूटर वायरस से लेकर अल्ट्रासोनिक मिसाइल तक हाइब्रिड होगा। हमले सैन्य गतिरोध से लेकर सूचना ब्लैकआउट तक हो सकते हैं।एक नए उभरते प्रतिमान के बीच हमारी पारंपरिक युद्ध-लड़ने वाली मशीनरी को फिर से तैयार करना, सुधारना, फिर से डिजाइन करना और पुनर्निर्माण करना अनिवार्य है। जैसे-जैसे दुनिया आपस में जुड़ी होती है, हमारे नेटवर्क पर साइबर हमला कमांड और कंट्रोल सिस्टम को पंगु बना सकता है।

भविष्य के युद्ध अलग तरह के होंगे
उन्होंने कहा कि भारतीय फौज हर चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं। हमें अब आगे की चुनौतियों को समझते हुए आगे बढ़ना होगा। भारतीय वायुसेना दुनिशा के पेशेवर फौजों में से एक हैं। हमने कठिन हालात में भी बेहतर प्रदर्शन किया है। लेकिन हमें उस तरह के हालात पर गौर करना होगा जिसमें यह पता नहीं होगा कि हमारा अगला दुश्मन कौन होने वाला है। जिस तरह से हमने अपने प्रदर्शन को दुनिया के सामने दिखाया है उसमें और क्या बेहतरी ला सकते हैं उसके बारे में विचार करना होगा। 

सेना के टैंकों में किए जाएंगे बदलाव
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग से सबक लेकर भारतीय सेना भविष्‍य को ध्‍यान में रखते हुए नए सिरे से रणनीतियां बनाने में जुट गई है। इस जंग ने जहां कई तरह के सवाल खड़े किए हैं, वहीं युद्ध कौशल को लेकर कई नई बातें भी सामने आई हैं। अब तक के जंग से स्‍पष्‍ट हो चुका है कि इसमें बख्‍तरबंद वाहनों के मुकाबले एंटी-टैंक मिसाइलें सफल रही है, जिससे भारतीय सेना भी सबक लेने जा रही है।

रूस-यूक्रेन जंग की बात करें तो इसे 49 दिन हो चुके हैं। इस दौरान अमेरिका, यूरोप के देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंधों की घोषणा की है तो ये कार्ल गुस्ताफ एंटी-टैंक रॉकेट लॉन्चर, NLAWs और AT-4s जैसे एंटी-टैंक, एंटी-एयरक्राफ्ट उपकरणों की आपूर्ति भी धड़ल्‍ले से यूक्रेन को कर रहे हैं।बख्तरबंद वाहनों के संचालन से जुड़ी जानकारी रखने वाले अधिकारियों के मुताबिक, टैंकों का डिजाइन जहां कम से कम तीन-चार दशक पुराना है, वहीं टैंक रोधी मिसाइलों और रॉकेटों को नवीनतम जरूरतों के अनुसार डिजाइन किया गया है और मौजूदा समय में यह कारगर साबित हो रहे हैं। 

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर