किसानों के ट्रैक्टर मार्च में हिंसा (Violence in Tractor Rally) के बाद आज किसान आंदोलन (Farmers Protests) में फूट दिखाई दी और उसकी परिणिति ये रही कि राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के नेता वीएम सिंह (VM Singh) ने आंदोलन से अलग होने की घोषणा कर दी, वहीं आंदोलोन के अहम हिस्सा रहे भारतीय किसान यूनियन का भानु गुट (BKU's Bhanu faction) भी किसान आंदोलन से अलग हो गया है।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के नेता वीएम सिंह ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के बाद अपना आंदोलन समाप्त करने की घोषणा कर दी उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत ने किसानों के हित की बात सरकार के सामने नहीं उठायी, उनका कहना था कि हम शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध जता रहे थे हम यहां किसी को पिटवाने नहीं आये हैं।
वहीं भारतीय किसान यूनियन के भानु गुट के मुखिया भानु प्रताप सिंह ने कहा कि जो आरोपी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई हो साथ ही उन्होंने चिल्ला बॉर्डर से धरना खत्म करने का ऐलान किया है।
अपनी प्राथमिकी में दिल्ली पुलिस ने किसानों की ट्रैक्टर परेड को लेकर जारी एनओसी के उल्लंघन के लिए किसान नेताओं दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह उग्रा के नामों का उल्लेख किया है। एफआईआर में बीकेयू के प्रवक्ता राकेश टिकैत के नाम का भी उल्लेख है।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के खिलाफ पूर्वी दिल्ली के एक पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज हुई है। टिकैत एक वीडियो में किसानों से दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान लाठी लेकर आने की बात कहते हुए सुने जा सकते हैं।
गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में हिंसा एवं उत्पात फैलाने के आरोप में पुलिस ने 200 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि राजधानी में उपद्रव एवं हिंसा करने वालों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाएगा।
मंगलवार को किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान प्रदर्शनकारी तय रूट का उल्लंघन करते हुए आईटीओ, लाल किले सहित राजधानी के अलग-अलग जगहों पर पहुंच गए और इन जगहों पर उपद्रव किया। प्रदर्शनकारियों के हमले में दिल्ली पुलिस के 100 से ज्यादा जवान घायल हुए हैं।
गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली हिंसक हो गई। किसानों प्रदर्शनकारियों का एक समूह लाल किले की सुरक्षा में सेंध लगाकर उसके प्राचीर तक पहुंच गया और वहां लाल किले के गुंबद पर निशान साहिब का झंडा लहराया।
प्रदर्शनकारी किसानों की आईडीओ सहित कई जगहों पर दिल्ली पुलिस के साथ झड़प हुई। इस झड़प में दिल्ली पुलिस के 300 से ज्यादा जवान घायल हुए।
प्रदर्शनकारी किसानों को शांत करने एवं स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और कुछ जगहों पर लाठीचार्ज करना पड़ा।
वहीं, तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसान संगठनों ने मंगलवार की हिंसा एवं उत्पात से खुद को अलग किया है। हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने अब तक 22 एफआईआर दर्ज की हैं।
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