देश के कुछ बड़े उद्योगपतियों को सरकार अपनी तरफ से हाई लेवल की सुरक्षा मुहैया करती है। इंटेलिजेंस की रिपोर्ट और आतंकी हमले के खतरे को देखते हुए सरकार ने हाल ही में अडानी ग्रुप के मुखिया गौतम अडानी को जेड कैटगरी की सुरक्षा देने का फैसला किया है। अडानी अब सीआरपीएम कमांडो की सुरक्षा घेरे में रहेंगे।
गौतम अडानी से पहले रिलाइंस इंडस्ट्री के चेयरमैन मुकेश अंबानी को सरकार जेड प्लस कैटगरी की सुरक्षा मुहैया करा चुकी है। दोनों ही उद्योगपति दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों की लिस्ट में शामिल हैं। आइए जानते हैं दोनों उद्योगपतियों का मिलने वाली सुरक्षा घेरे के बारे में।
मुकेश अंबानी
देश के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों में से एक मुकेश अंबानी को सरकार की ओर से Z+ सुरक्षा मिली हुई है। हालांकि उन्हें यह सुरक्षा मुफ्त नहीं मिली है। उन्हें इसके लिए भारी रकम चुकानी पड़ती है। मुकेश अंबानी इस कैटगरी की सुरक्षा पाने वाले पहले बिजनसमैन हैं। मुकेश अंबानी को यह सुरक्षा 2013 से मिल रही है, जब उन्हें आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने धमकी दी थी।
Z+ श्रेणी में कम से कम 55 कमांडो होते हैं। जिनमें कम से कम 10 कमांडो एनएसजी के स्तर के होते हैं। इनके पास उच्च किस्म के हथियार होते हैं। इसके अलावा सीआरपीएफ के 25 कमांडो इस दस्ते में तैनात होते हैं। इस सुरक्षा के लिए अंबानी को काफी कीमत चुकानी पड़ती है। मुकेश अंबानी हर महीने 15 से 16 लाख रुपये खर्च करते हैं।
गौतम अडानी
मुकेश अंबानी के बाद अब देश के सबसे अमीर उद्योगपति गौतम अडानी को सरकार ने जेड कैटगरी की सुरक्षा मुहैया कराई है। अडानी को यह सुरक्षा उस रिपोर्ट के आधार पर मिली है, जिसमें सुरक्षा एजेंसियों ने उनकी जान को खतरा बताया था।
गौतम अडानी की सुरक्षा अब सीआरपीएफ के कमांडो करेंगे। अंबानी की तरह ही अडानी भी इस सुरक्षा व्यवस्था पर आने वाले खर्च का वहन खुद करेंगे। इन्हें भी अपनी सुरक्षा पर 15 लाख से ज्यादा की रकम खर्च करनी पड़ेगी। जेड कैटगरी में 22 कमांडो तैनात होंगे। जिसमें 4 से 6 कमांडो का स्तर एनएसजी लेवल का होगा।
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