UP: वैदिक साहित्य में Phd कर संस्कृत की प्रोफसर बनना चाहती है यह मुस्लिम लड़की, संस्कृत में जीते हैं 5 मेडल

देश
किशोर जोशी
Updated Feb 11, 2022 | 11:12 IST

उत्तर प्रदेश की रहने वाली मुस्लिम लड़की गजाला को संस्कृत से इतना प्रेम है कि वह वैदिक साहित्य में पीएचडी करना चाहती है। गजाला विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों में श्लोक, गायत्री मंत्र और सरस्वती वंदना का पाठ

This Muslim girl of UP wants to become a professor of Sanskrit by doing PhD in Vedic literature, has won 5 medals
मुस्लिम युवती ने संस्कृत में जीते 5 मेडल,प्रो.बनना है लक्ष्य  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • यूपी में मुस्लिम लड़की ने जीते संस्कृत में 5 मेडल
  • गजाला बोलीं- भगवान की अपनी भाषा है संस्कृत
  • पीएचडी कर संस्कृत की प्रोफसर बनना चाहती है गजाला

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय (एलयू) की एक मुस्लिम लड़की ने संस्कृत में एमए की सर्वश्रेष्ठ छात्रा होने के नाते 5 मेडल जीते हैं। नवंबर में आयोजित अपने दीक्षांत समारोह के दौरान एलयू द्वारा गजाला के नाम की घोषणा की गई थी, लेकिन कोरोना के कारण समारोह के दौरान कुछ छात्रों को ही पदक दिए जा सके। गुरूवार को संकाय स्तरीय पदक वितरण समारोह के दौरान कला के डीन प्रोफेसर शशि शुक्ला ने गजाला को पदक से सम्मानित किया।

दिहाड़ी मजदूर की बेटी है गजाला

दिहाड़ी मजदूर की बेटी गजाला पांच भाषाओं अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, अरबी और संस्कृत में पारंगत है। जब वह 10वीं कक्षा में थी तब उनके पिता का निधन हो गया और उन्होंने अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए संघर्ष किया। गजाला ने कहा, 'ये पदक मैंने नहीं बल्कि मेरे भाइयों शादाब और नायब ने जीते हैं जिन्होंने स्कूल छोड़ दिया और क्रमश: 13 और 10 साल की उम्र में गैरेज में काम करना शुरू कर दिया ताकि मैं पढ़ाई जारी रख सकूं।'

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बनना चाहती हैं प्रोफेसर

उनकी बड़ी बहन यासमीन भी एक बर्तन की दुकान में काम करने लगीं, जबकि उनकी मां नसरीन बानो उनके घर की देखभाल करती हैं। गजाला अपने परिवार के साथ एक कमरे के घर में रहती है। सुबह 5 बजे उठकर 'नमाज' करती है, घर के सारे काम करती है और दिन में लगभग सात घंटे संस्कृत पढ़ती है। वह संस्कृत की प्रोफेसर बनना चाहती हैं। गजाला परिसर में लोकप्रिय है और विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान संस्कृत के श्लोक, गायत्री मंत्र और सरस्वती वंदना का पाठ करती है।

वैदिक साहित्य में करना चाहती है पीएचडी

यह पूछे जाने पर कि उन्होंने संस्कृत को क्यों चुना, गजाला कहती हैं, 'सभी भाषाओं में भगवान की अपनी भाषा संस्कृत है। यह दिव्य है। संस्कृत में, कविता ज्यादा मधुर है।' उनके अनुसार, संस्कृत में उनकी रुचि निशातगंज के सरकारी प्राथमिक विद्यालय में शुरू हुई, जहां उनके शिक्षक ने उन्हें कक्षा 5 में संस्कृत पढ़ाया। गजाला ने कहा, 'मेरे संस्कृत ज्ञान और रुचि अक्सर उन लोगों को आश्चर्यचकित करते हैं जो मुझसे पूछते हैं कि एक मुस्लिम होने के नाते मैंने भाषा के लिए प्यार कैसे विकसित किया। वे मुझसे पूछते हैं कि मैं इसके साथ क्या करूंगी, लेकिन मेरे परिवार ने हमेशा मेरा समर्थन किया।' गजाला अब वैदिक साहित्य में पीएचडी करना चाहती हैं।

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