जो देश की परवाह नहीं करते हैं, वे समस्याओं के प्रति उदासीन रहते हैं, PM मोदी ने विपक्षी दलों पर किया प्रहार

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर विपक्षी दलों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जो लोग राष्ट्र की परवाह नहीं करते हैं वे आने वाली समस्याओं के प्रति कोई चिंता या रुचि नहीं दिखाते हैं। 

Those who don't care about country, remain indifferent to the problems, PM Modi hits out at the opposition parties
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश में विपक्षी दलों पर परोक्ष प्रहार करते हुए कहा कि जो लोग देश की परवाह नहीं करते हैं, वे राष्ट्र के सामने आने वाली समस्याओं के प्रति उदासीन रहते हैं। पिछले आठ वर्षों में एनडीए सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार बनाना आसान है, लेकिन बीजेपी ने राष्ट्र के निर्माण का रास्ता चुना है, जिसमें कड़ी मेहनत है। पीएम मोदी ने 'हर घर जल' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार बनाने में ज्यादा मेहनत नहीं लगती, बल्कि देश बनाने के लिए कड़ी मेहनत जरूरी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने राष्ट्र निर्माण का रास्ता चुना है। इसलिए, हम वर्तमान और भविष्य दोनों की चुनौतियों का समाधान करने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। विपक्षी दलों पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग राष्ट्र की परवाह नहीं करते हैं वे इन समस्याओं के प्रति कोई चिंता या रुचि नहीं दिखाते हैं। वे पानी के प्रावधान के लिए बड़े वादे कर सकते हैं, लेकिन इस पर विजन के साथ कभी काम नहीं करेंगे। प्रधानमंत्री ने पिछले महीने फ्री रेवड़ी की संस्कृति के खिलाफ चेतावनी दी थी, जिसमें कुछ राजनीतिक दल शामिल थे।

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार के दौरान सरकारी धन से मुफ्त की रेवड़ी बांटने के राजनीतिक दलों के वादों के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई सोमवार को स्थगित कर दी। शीर्ष अदालत ने पक्षों से शनिवार तक अपना सुझाव दाखिल करने को कहा। साथ ही जनता के पैसे को इस तरीके से खर्च करने को लेकर चिंता जताई। सुप्रीम कोर्ट ने 10 अगस्त को कहा था कि चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त रेवड़ी देने का वादा करना और बांटना एक गंभीर मुद्दा है और बुनियादी ढांचे आदि पर राशि खर्च की जानी चाहिए। शीर्ष अदालत एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें चुनाव चिन्हों को जब्त करने और उन राजनीतिक दलों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का निर्देश देने की मांग की गई थी, जिन्होंने सार्वजनिक धन से तर्कहीन मुफ्त रेवड़ी बांटने का वादा किया था।

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