Rajasthan:जैसलमेर के होटल सूर्यगढ़ को बम से उड़ाने की धमकी, यहीं ठहरे हैं गहलोत गुट के विधायक

देश
रवि वैश्य
Updated Aug 11, 2020 | 07:48 IST

राजस्थान के जैसलमेर स्थित होटल सूर्यगढ़ को बम से उड़ाने कि धमकी मिली है बताते हैं कि किसी शख्स ने होटल के लैंडलाइन पर कॉल कर के यह धमकी दी है, यहीं गहलोत गुट के विधायक ठहरे हुए हैं।

threatens to blow up Hotel Suryagarh of Jaisalmer rajasthan in which CM Ashok Gehlot Group MLA is staying
धमकी मिलने के बाद वहां पर हड़कंप मच गया मामला विधायकों की सुरक्षा से जुड़ा है (फाइल फोटो) 

राजस्थान की सियासत में घमासान जारी है वहां विधायकों को अपने पक्ष में करकर सत्ता हासिल करने की राजनीति हो रही है तो वहीं सीएम अशोक गहलोत अपनी सत्ता बनाए रखने की कवायद में जुटे हैं, इसी क्रम में गहलोत गुट के विधायकों को जैसलमेर स्थित होटल सूर्यगढ़ में ठहराया गया है। वहां से एक बड़ी खबर सामने आई है बताया जा रहा है कि होटल सूर्यगढ़ को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है,किसी शख्स ने होटल के लैंडलाइन पर कॉल कर ये धमकी दी।

धमकी मिलने के बाद वहां पर हड़कंप मच गया मामला विधायकों की सुरक्षा से जुड़ा है तो राजस्थान पुलिस के भी हाथ पांव फूल गए और आनन फानन में सुरक्षा इंतजामों को रिव्यू किया गया और वहां आने जाने वालों लोगों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है वहीं खुफिया तंत्र को भी सक्रिय कर दिया गया है।

साथ ही धमकी देने वाले की तलाश भी की जा रही है, इस मामले में कोटा से एक युवक को गिरफ्तार किया गया है जिसका नाम हनुमान हाड़ा बताया जा रहा है,पुलिस उससे पूछताछ कर रही है साथ इस धमकी भरा फोन करने का मोटिव भी जानने की कोशिश की जा रही है।

14 अगस्त से राजस्थान विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है 

अशोक गहलोत सरकार पर लगातार संकट जारी है और वहां की सियासत में रोज नए उतार चढ़ाव हो रहे हैं गहलोत को विधायक के टूटने का डर था इसलिए वो अपने विधायक को सुरक्षित रखने के लिए  कोई जयपुर के एक होटल में ठहराया था और अब इन विधायकों को जैसलमेर के होटल सूर्यगढ़ में ठहराया है जहां ये धमकी की घटना सामने आई है। विधायकों से 14 अगस्त तक होटल में ही रहने को कहा गया है क्योंकि 14 अगस्त से राजस्थान विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है यानि गहलोत को अपने विधायकों को सुरक्षित रखना बड़ी चुनौती है।

सचिन पायलट मिले राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी से 

वहीं इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात के बाद मीडिया के सामने आए सचिन पायलट ने कहा, 'पिछले कुछ समय से कुछ विधायक दिल्ली में थे, कुछ ऐसे मुद्दे थे जिन पर हम प्रकाश डालना चाहते थे। मैंने वह किया। मैं शुरू से कह रहा हूं कि ये सभी चीजें सिद्धांत पर आधारित थीं। मैंने हमेशा सोचा कि पार्टी के हित में इन चीजों को उठाया जाना आवश्यक है।' पायलट ने कहा, 'कई बातें कही गईं, मैंने बहुत सी बातें सुनीं। जो कुछ कहा गया उससे मैं हैरान था। मुझे लगता है कि हमें हमेशा संयम और विनम्रता बनाए रखना चाहिए। राजनीति में व्यक्तिगत द्वेष के लिए कोई जगह नहीं है। हमने 5 साल की कड़ी मेहनत के बाद राजस्थान में सरकार बनाई थी।' उन्होंने कहा कि पार्टी हमें पद देती है तो वापस भी ले सकती है। मुझे किसी पद की कोई इच्छा नहीं है लेकिन मैं चाहता था कि हमारा स्वाभिमान बरकरार रहे। मैंने 18-20 साल से पार्टी में योगदान दिया है। हमने हमेशा उन लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया है जिन्होंने सरकार बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है। 

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