Pakistani Spies: राजस्थान में पकड़े गए तीन पाकिस्तानी जासूस, ISI को भेजते थे खुफिया जानकारियां

Pakistani spies caught in Rajasthan:ये तीनों पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को सामरिक महत्व की संवेदनशील सूचनाएं उपलब्ध करवा रहे थे और इस कार्य के बदले पाकिस्तानी हैंडलर से धनराशि भी प्राप्त कर रहे थे।

Pakistani spies caught
प्रतीकात्मक फोटो 
मुख्य बातें
  • 'ऑपरेशन हिफाजत' के तहत चलाए गए अभियान में संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की गई
  • अब्दुल सत्तार, नितिन यादव और राम सिंह सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के संपर्क में थे
  • अब्दुल सत्तार वर्ष 2010 से नियमित रूप से पाकिस्तान की यात्रा कर रहा था

Pakistani Spies: पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों (Pakistan) के लिये जासूसी करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। शीर्ष खुफिया अधिकारी ने यह जानकारी दी, उन्होंने कहा कि सीमावर्ती श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और चुरू जिलों में 'ऑपरेशन हिफाजत' के तहत चलाए गए अभियान में कुल 23 संदिग्ध व्यक्तियों से संयुक्त रूप से पूछताछ की गई।

पूछताछ के दौरान पाया गया कि इनमें तीन व्यक्ति हनुमानगढ़ के अब्दुल सत्तार, गंगानगर जिले के सूरतगढ़ के नितिन यादव और चूरू के राम सिंह सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के संपर्क में थे।

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उन्होंने बताया कि हनुमानगढ़ का निवासी अब्दुल सत्तार वर्ष 2010 से नियमित रूप से पाकिस्तान की यात्रा कर रहा था। वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के स्थानीय एजेंट के रूप में कार्य कर रहा था।

सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों की फोटो शेयर कर रहा था

अधिकारी ने कहा कि पूछताछ में अब्दुल सत्तार ने स्वीकार किया है कि भारत आने के बाद वह लगातार पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में था तथा सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों की फोटो शेयर कर रहा था। उन्होंने कहा कि सूरतगढ़ निवासी नितिन यादव पाकिस्तानी महिला एजेंट के हनीट्रैप में फंस कर सूरतगढ़ और महाजन फील्ड फायरिंग रेंज की सामरिक महत्व की सूचनाएं शेयर कर धनराशि प्राप्त कर रहा था।

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के हैण्डलर को ये जानकारियां उपलब्ध कराईं

अधिकारी ने बताया कि तीनों व्यक्तियों के मोबाइल फोन में ऐसी कई महत्वपूर्ण सूचनाएं मिली हैं, जो सामरिक महत्व की हैं एवं प्रतिबंधित हैं। तीनों व्यक्तियों ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के हैण्डलर को ये जानकारियां उपलब्ध कराईं। महत्वपूर्ण सूचनाओं के बदले धनराशि प्राप्त किये जाने के प्रमाण भी मिले हैं।

तीनों व्यक्तियों से विस्तृत पूछताछ एवं तकनीकी जांच के बाद इनके विरुद्ध शासकीय गुप्तबात अधिनियम 1923 के तहत मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।

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