नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप केस के गो गुनहगारों विनय शर्मा और मुकेश सिंह की क्यूरेटिव याचिका का सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने खारिज कर दिया और इस तरह से उनके सामने कानूनी विकल्प पर विराम लग चुका है। अब उनके सामने संवैधानिक विकल्प यानि की दया याचिका रास्ता बचा है और उस विकल्प का उपयोग करते हुए मुकेश सिंह ने मर्सी पिटीशन की अर्जी लगाई है जिसकी पुष्टि तिहाड़ जेल प्रशासन की तरफ से भी हुई है।
सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ ने साफ कर दिया कि याचियों की दलील में कोई दम नहीं है। जिन बिंदुओं के आधार पर क्यूरेटिव याचिका दायर की गई थी उसके बारे में अदालत अपना मत पहले ही स्पष्ट कर चुकी है। लिहाजा दोषियों की सुधारात्मक याचिका को खारिज किया जाता है। अदालत के इस फैसले के बाद अब विनय शर्मा और मुकेश सिंह के सामने सभी कानूनी विकल्प के रास्ते बंद हो चुके हैं। अब उन्हें सिर्फ और सिर्फ राष्ट्रपति से रहम की उम्मीद है, जिसकी संभावना बेहद कम है।
पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा डेथ वारंट जारी किये जाने के बाद तिहाड़ जेल की फांसी कोठी में सभी तैयारियां अंतिम चरण में है। हाल ही में कुछ डमी को फांसी देकर तैयारियों का जायजा लिया गया। इस संबंध में तिहाड़ जेल प्रशासन की तरफ से यूपी सरकार से जल्लाद भेजे जाने का अनुरोध किया गया था। इस संबंध में मेरठ के जल्लाद पवन का कहना है कि जिम्मेदारी तय होने पर वो अपने फर्ज को बखूबी अंजाम देगा।
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