नई दिल्ली: टाइम्स नाउ समिट इंडिया एक्शन प्लान 2020 के 'कौन हिंदुत्व को गलत तरीके से प्रस्तुत कर रहा है?' सेशन में बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या, सीपीएम के पूर्व सांसद एमबी राजेश और बीएसपी सांसद दानिश अली ने भाग लिया। चर्चा की शुरुआत में तेजस्वी ने कहा, 'हिंदुत्व हावी नहीं हो सकता क्योंकि यह आक्रामकता का शिकार है। हमें हिंदुत्व को समझने की जरूरत है।' उन्होंने कहा, 'भारत एक राष्ट्र के रूप में 15 अगस्त, 1947 को पैदा नहीं हुआ। भारत सदियों पुरानी एक निरंतर चलने वाली सभ्यता है। हिंदुत्व खुद को आक्रामकता से रोकने के लिए हिंदुओं की बौद्धिक, राजनीतिक, सामाजिक प्रतिक्रिया है।'
ऐसे समय में जब देश अन्य धर्मों द्वारा किसी भी बाहरी आक्रमण के खतरे में नहीं है, तब हिंदुत्व की आवश्यकता के सवाल के जवाब में सूर्या ने कहा कि यदि इस देश के मुसलमान मुगल युग के अत्याचारों का बचाव करना शुरू करते हैं, तो उन्हें दोषी ठहराया जाएगा। यदि कोई कहता है कि औरंगजेब उसका हीरो है तो उसे भी उन गलतियों के लिए औरंगजेब और टीपू सुल्तान के जितना ही दोषी माना जाएगा।'
वहीं एमबी राजेश ने कहा, 'सावरकर के अनुसार, हिंदुत्व और हिंदू धर्म समान नहीं हैं। सावरकर के अनुसार, हिंदुत्व एक राजनीतिक विचारधारा और हिंदू राष्ट्र स्थापित करने की राजनीतिक परियोजना है। हिंदुत्व का इस्तेमाल गलत कार्यों के लिए किया जा रहा है। हिंदुत्व का इस्तेमाल लोगों को बांटने और हिंसा पैदा करने के लिए किया जा रहा है। सावरकर ने 2 राष्ट्र के सिद्धांत दिए। स्वामी विवेकानंद ने बताया कि वह एक ऐसे धर्म का हिस्सा होने पर गर्व करते हैं जिसने दुनिया को सहिष्णुता और सार्वभौमिक स्वीकृति प्रदान की है।'
इसके अलावा बसपा सांसद दानिश अली ने कहा, 'राजनीति के लिए धर्म का दुरुपयोग हो रहा है। हिंदू और हिंदुत्व को राजनीति में मिलाया जा रहा है। दिल्ली विधानसभा चुनावों का सांप्रदायिकरण हुआ। टीपू सुल्तान एक महान योद्धा थे जिन्होंने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी। भारत के राष्ट्रपति ने टीपू सुल्तान की प्रशंसा की। बीजेपी संविधान को नहीं मानती है।'
जवाब में तेजस्वी ने कहा कि हिंदुत्व का दुरुपयोग नहीं हो रहा है। धर्मांतरण धार्मिक असहिष्णुता और आक्रामकता का सबसे बड़ा रूप है। भारत धार्मिक आक्रामकता के कारण विभाजित हुआ। तेजस्वी ने कहा कि यदि भारत के स्वदेशी धर्मों पर कोई आक्रामकता नहीं होती तो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान आज अस्तित्व में नहीं होते।
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