नई दिल्ली : हम सब जानते हैं कि भारत को 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश हुकुमत से आजादी मिली, लेकिन आजाद भारत का एक हिस्सा ऐसा भी था जहां आजादी के बाद भी कई बरस तक विदेशियों का शासन रहा और इसे आजाद होने में 14 बरस और लगे। यह हिस्सा था देश का तटीय क्षेत्र गोवा, जो उस समय पुर्तगालियों के कब्जे में था।
दरअसल 1946 में जब यह साफ हो गया कि अंग्रेज अब भारत में अधिक समय तक अपना शासन नहीं चला पाएंगे तब राष्ट्रीय नेता यह मानकर चल रहे थे कि अंग्रेजों के साथ-साथ पुर्तगाली भी गोवा छोड़कर चले जायेंगे। हालांकि स्वतंत्रता सेनानी एवं समाजवादी विचारधारा में यकीन रखने वाले राममनोहर लोहिया इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते थे। यही वजह थी कि लोहिया ने 18 जून, 1946 को गोवा पहुंचकर पुर्तगालियों के खिलाफ आंदोलन शुरू किया। इस आंदोलन में हजारों गोवावासी शामिल हुए। हालांकि कई साल के संघर्ष के बाद गोवा को 1961 में आजादी मिली।
1576: अकबर और महाराणा प्रताप के बीच हल्दीघाटी का युद्ध शुरू हुआ।
1758 : फ्रेंच जनरल बुस्सी ने निजाम सलाबत जंग से जाने की इजाजत ली, जो भारत से फ्रांस की मौजूदगी का अंत था।
1812: अमेरिका के राष्ट्रपति जेम्स मेडिसन ने ब्रिटेन के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
1815: वाटरलू के युद्ध में नेपोलियन बोनापार्ट को हार का सामना करना पड़ा।
1858 : झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ग्वालियर के निकट लड़ाई के मैदान में ब्रिटिश सेना से लोहा लेने के बाद मारी गईं।
1941: तुर्की ने नाजी जर्मनी के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए।
1946 : गोवा को पुर्तगालियों से आजाद कराने के लिए पहला सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया गया।
1956: हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम पारित हुआ।
1972: ब्रिटिश यूरोपियन विमान 548 उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में विमान में सवार 118 लोगों की मौत।
1979: अमेरिका और सोवियत संघ के बीच हथियार नियंत्रण समझौता हुआ।
1987 : एम एस स्वामीनाथन को पहला वर्ल्ड फूड प्राइज मिला।
2009: नासा ने चांद पर पानी की तलाश में विशेष यान भेजा।
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