हैदराबाद : ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने चीन के साथ जारी सीमा विवाद के लिए सरकार पर निशाना साधा है। ओवैसी ने कहा है कि हमारी सशस्त्र सेना सीमा पर चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की चुनौती से निपटने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही हैं लेकिन हमारा टॉप लीडरशिप इस चुनौतीपूर्ण समय में कहीं दिख नहीं रहा है। चीन के अतिक्रमण को लेकर ओवैसी पहले भी केंद्र सरकार पर निशाना साध चुके हैं।
ट्वीट के जरिए पीएम मोदी पर साधा निशाना
हैदराबाद के सांसद ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'बॉर्डर पर पीएलए से निपटने के लिए हमारी सशस्त्र सेनाएं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही हैं। सेना के साथ किसी तरह का संकट नहीं है बल्कि चिंता इस बात की है कि ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में हमारा शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व कहीं दिख नहीं रहा है। सीमा विवाद के बारे में पीएमओ ने कई सप्ताह तक कुछ बोला क्यों नहीं?' ओवैसी ने कहा, 'हो सकता है कि उन्हें जब मोर को दाना चुगाने से जब फुरसत मिले तो वह देशवासियों को इस बारे में कुछ कहें या चीन का नाम लेने का साहस जुटाएं।'
सोमवार रात हुई फायरिंग की घटना
बता दें कि गत सोमवार को पूर्व लद्दाख के पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी हिस्से में हुई फायरिंग की घटना के बाद भारत और चीन के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। चीन ने भारतीय सैनिकों पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पार करने और अपने गश्ती दल की तरफ फायरिंग करने का आरोप लगाय है। चीन के इन आरोपों का भारतीय सेना ने खारिज किया है। भारतीय सेना ने अपने एक बयान में कहा कि न तो उसने एलएसी पार की औ न ही उसकी तरफ से फायरिंग की गई। सेना ने कहा कि चीन के सैनिक उसके एक अग्रिम पोस्ट के काफी करीब आ गए और जब उसने उन्हें रोकने की कोशिश की तो पीएलए के जवानों ने हवा में गोलियां चलाईं।
विदेश मंत्रियों के बीच मास्को में हुई बैठक
इस बीच, सीमा पर शांति एवं सौहार्द कायम करने के लिए भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की एक लंबी बैठक गुरुवार की रात मास्को में हुई। दोनों देशों के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि सीमा पर शांति एवं सद्भाव कायम करने के लिए भारत एवं चीन के बीच एक पांच सूत्रीय फॉर्मूले पर सहमति बनी है। दोनों देश सीमा पर बातचीत के लिए जो तंत्र मौजूद है उसका उपयोग है। भारत और चीन के विदेश मंत्रियों ने माना है कि सीमा पर विवाद दोनों देशों के हित के लिए ठीक नहीं है।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।