ट्रैफिक व्यवस्था (Traffic System) किसी भी शहर की ऐसी तस्वीर पेश करता है जिससे शहर के मिजाज को समझने में आसानी होती है वहीं देश में और विभागों की तर्ज पर ट्रैफिक विभाग को भी और हाइटेक और मॉर्डन बनाने की कवायद सरकार समय-समय पर करती रहती है। बताया जा रहा है कि विभाग को और हाईटेक (Hightech) बनाने के क्रम में और कदम उठाए जा रहे हैं जिसमें डिजिटलाइजेश (Digitalization) को और बढ़ावा देना भी अहम है जिसको लेकर खाका खींचा जा रहा है।
स्टेट पुलिस और ट्रांस्पोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारियों को हाईटेक बनाने की कवायद की जा रही है, इसके लिए उनके वाहनों के डैशबोर्ड पर सीसीटीवी कैमरे, हाईवे-जंक्शन पर स्पीड कैमरे आदि डिजिटल उपकरणों को लगाने की प्लानिंग पर काम किया जा रहा है।
ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर शिकंजा और मजबूत करने के लिए ट्रैफिक व ट्रांस्पोर्ट विभाग के सक्षम अधिकारियों की बॉडी पर बॉडी कैमरा (Body Cameras) लगेंगे।
सरकार के इस कदम को डिजिटल युग को और आगे बढ़ाने की शुरुआत माना जा रहा है जिसके तहत आने वाले समय में और भी इनोवेटिव कदम उठाए जाने की बात भी कही जा रही है।
कहा जा रहा है कि सरकार की बॉडी कैमरा लगाने की कवायद के पीछे एक मकसद है वो ये कि इस कैमरे की ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग कोर्ट में आवश्यकता पड़ने पर बतौर सबूत पेश किए जा सकेंगे इससे रोड और हाईवे पर उगाही करने वाले भ्रष्ट अधिकारियों पर अंकुश लगने की बात भी है। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने सड़क सुरक्षा, प्रबंधन की निगरानी व प्रवर्तन संबंधी मसौदा नियम हितधारों से सुझाव-आपत्ति के लिए जारी कर दिए हैं।
बताते हैं कि राज्यों की राजधानियों व 10 लाख आबादी वाले शहरों में ये सिस्टम लागू किया जाएगा इसके तहत पुलिस व सरकारी वाहनों के डैशबोर्ड पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे नेशनल हाईवे, स्टेट राजमार्गों पर यह वाहन खड़े रहेंगे जिसके साथ ही स्पीड कैमरे भी लगेंगे। वहीं स्पीड गन, वे-इन-मोशन व दूसरी डिजिटल तकनीक के उपकरण लगाए जाएंगे, इस कवायद से ट्रैफिक मैनेजमेंट में सुधार आएगा साथ ही सड़क सुरक्षा को भी और बेहत और मजबूत बनाया जा सकेगा।
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