मुंबई : तेलंगाना के साइबराबाद में वेटनरी डॉक्टर के साथ रेप और फिर उसे जिंदा जलाने के आरोपियों को शुक्रवार तड़के पुलिस ने एक मुठभेड़ में मार गिराया। पुलिस के मुताबिक वे हथियार छीनकर भाग रहे थे और आरोपियों ने उनपर गोली भी चलाई थी। इसके बाद पुलिस की ओर से जवाबी कार्रवाई की गई, जिसमें चारों मारे गए।
तेलंगाना में हुई इस मुठभेड़ को लेकर लोगों ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है। कुछ लोगों ने जहां इसे न्याय करार देते हुए दो टूक कहा कि ऐसे दरिंदों को समाज में जीने का कोई हक नहीं है, वहीं, कुछ लोगों का यह भी कहना है कि निश्चित रूप से इस जघन्य अपराध के दोषियों को कड़ी सजा देने की आवश्यकता थी, लेकिन इसके लिए यह तरीका कभी न्यायोचित नहीं हो सकता। ऐसे लोगों में विशेष सरकारी वकील उज्जवल निकम भी हैं, जिन्होंने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि लोग इसलिए खुश हो रहे हैं, क्योंकि यह सामान्य जनभावना है कि तत्काल न्याय मिले। लेकिन इसे किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि चंबल के डाकू भी इसी तरह से 'न्याय' कर रहे थे, लेकिन इसे न्याय नहीं कहा जा सकता। वे अपराधी थे और समाज को यह बात भूलनी नहीं चाहिए।
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