Ujjwal Nikam on Telangana encounter : अब सरकारी वकील उज्‍जवल निकम ने तेलंगाना मुठभेड़ पर उठाए सवाल

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Updated Dec 06, 2019 | 16:21 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Ujjwal Nikam on Telangana encounter : तेलंगाना में वेटनरी डॉक्‍टर के साथ रेप व उसे जिंदा जला दिए जाने के आरोपियों को पुलिस ने एक मुठभेड़ में मार गिराया, जिस पर लोग अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रहे है।

Ujjwal Nikam on Telangana encounter : अब सरकारी वकील उज्‍जवल निकम ने तेलंगाना मुठभेड़ पर उठाए सवाल
विशेष सरकारी वकील उज्‍जवल निकम ने तेलंगाना मुठभेड़ पर सवाल उठाए हैं (फाइल फोटो)  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • तेलंगाना में वेटनरी डॉक्‍टर के साथ रेप व जिंदा जला दिए जाने के मामले में पुलिस ने चारों आरोपियों को मुठभेड़ में मार गिराया
  • तेलंगाना मुठभेड़ को लेकर लोगों ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है, कुछ लोगों ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल भी उठाए हैं
  • विशेष सरकारी वकील उज्‍जवल निकम ने भी कहा कि इसमें संदेह की पूरी गुंजाइश है और न्‍याय का यह तरीका सही नहीं हो सकता

मुंबई : तेलंगाना के साइबराबाद में वेटनरी डॉक्‍टर के साथ रेप और फिर उसे जिंदा जलाने के आरोपियों को शुक्रवार तड़के पुलिस ने एक मुठभेड़ में मार गिराया। पुलिस के मुताबिक वे हथियार छीनकर भाग रहे थे और आरोपियों ने उनपर गोली भी चलाई थी। इसके बाद पुलिस की ओर से जवाबी कार्रवाई की गई, जिसमें चारों मारे गए।

तेलंगाना में हुई इस मुठभेड़ को लेकर लोगों ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है। कुछ लोगों ने जहां इसे न्‍याय करार देते हुए दो टूक कहा कि ऐसे दरिंदों को समाज में जीने का कोई हक नहीं है, वहीं, कुछ लोगों का यह भी कहना है कि निश्चित रूप से इस जघन्‍य अपराध के दोषियों को कड़ी सजा देने की आवश्‍यकता थी, लेकिन इसके लिए यह तरीका कभी न्‍यायोचित नहीं हो सकता। ऐसे लोगों में विशेष सरकारी वकील उज्‍जवल निकम भी हैं, जिन्‍होंने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।

उन्‍होंने कहा कि लोग इसलिए खुश हो रहे हैं, क्‍योंकि यह सामान्‍य जनभावना है कि तत्काल न्याय मिले। लेकिन इसे किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि चंबल के डाकू भी इसी तरह से 'न्याय' कर रहे थे, लेकिन इसे न्‍याय नहीं कहा जा सकता। वे अपराधी थे और समाज को यह बात भूलनी नहीं चाहिए।

तेलंगाना मुठभेड़ पर प्रतिक्रिया देते हुए विशेष सरकारी वकील ने कहा कि इसमें संदेह की बहुत गुंजाइश है। उन्‍होंने कहा कि आम तौर पर आरोप‍ियों के हाथों में हथकड़ी रहती है और अगर फिर भी वे पुलिस का हथियार छीनकर भागते हैं तो भी गोली चलाने को सही नहीं कहा जा सकता। उन्‍होंने यह भी कहा कि हर किसी को आत्मरक्षा का अधिकार है और अपनी जान पर बन आने की स्थिति में वह सामने वाले की जान ले सकता है, पर इस मामले में फिलहाल ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है।

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