मरने के बाद चार्टर भेजने का कोई मतलब नहीं, यूक्रेन-रूस युद्ध में घायल हरजोत सिंह का दर्द, देखें VIDEO

रूस और यूक्रेन के बीच कई दिनों से युद्ध चल रहा है। यूक्रेन के शहरों में हजारों भारतीय अब भी फंसे हुए हैं। इस युद्ध में हो रही गोलीबारी में घायल एक भारतीय हरजोत सिंह ने आपबीती सुनाई।

Ukraine-Russia war injured Harjot Singh says Did not get support from Indian Embassy  
यूक्रेन-रूस युद्ध में घायल हरजोत सिंह ने सुनाई आपबीती 
मुख्य बातें
  • हरजोत सिंह ने कहा कि भारतीय दूतावास से अभी तक कोई सपोर्ट नहीं मिला है।
  • हर दिन वे कहते हैं कि हम कुछ करेंगे।
  • उन्होंने कहा कि भगवान ने मुझे दूसरा जीवन दिया है, मैं इसे जीना चाहता हूं।

नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में कई गोलियों से घायल एक भारतीय हरजोत सिंह कीव के एक अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। उन्होंने आपीबीती सुनाई। हरजोत सिंह ने बताया कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप मरने के बाद चार्टर (विमान) भेजते हैं। भगवान ने मुझे दूसरा जीवन दिया है, मैं इसे जीना चाहता हूं। मैं दूतावास से अनुरोध करता हूं कि वह मुझे यहां से निकाल कर ले जाए। मुझे व्हीलचेयर जैसी सुविधाएं प्रदान करें, दस्तावेज के साथ मेरी मदद करें।

उन्होंने कहा कि यह 27 फरवरी की घटना है। हम तीसरी चौकी के रास्ते में एक कैब में 3 लोग थे, जहां सुरक्षा कारणों से हमें वापस जाने के लिए कहा गया था। वापस आते समय, हमारी कार पर कई गोलियां चलाई गईं, जिससे मुझे कई गोलियां लगीं।

उसने कहा कि भारतीय दूतावास से अभी तक कोई सपोर्ट नहीं मिला है। मैं उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहा हूं, हर दिन वे कहते हैं कि हम कुछ करेंगे लेकिन अभी तक कोई मदद नहीं की। हरजोत सिंह दिल्ली के रहने वाले हैं।

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ममता बनर्जी ने केंद्र की भूमिका पर उठाए सवाल

उधर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यूक्रेन में फंसे छात्रों को वापस लाने में केंद्र की भूमिका पर सवाल उठाया और उनकी स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने यूक्रेन से छात्रों को वापस लाने में केंद्र की ओर से देरी किये जाने का आरोप लगाया और आग्रह किया कि इस उद्देश्य के लिए पर्याप्त संख्या में उड़ानों की व्यवस्था की जाए।

बनर्जी ने ट्वीट किया कि मैं यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के जीवन को लेकर बहुत चिंतित हूं। जीवन बहुत कीमती है। उन्हें वापस लाने में इतना समय क्यों लग रहा है? पहले कदम क्यों नहीं उठाए गए?' उन्होंने कहा कि मैं केंद्र सरकार से आग्रह करती हूं कि तत्काल पर्याप्त संख्या में उड़ानों की व्यवस्था की जाए और सभी छात्रों को जल्द से जल्द वापस लाया जाए।

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने गुरुवार को कहा था कि यूक्रेन में करीब 20,000 भारतीय हैं और उनमें से करीब 4,000 पिछले कुछ दिन में भारत लौट आए हैं। यूक्रेन में राजधानी कीव सहित विभिन्न हिस्सों में गोलीबारी, बमबारी और मिसाइल हमलों का सिलसिला जारी है।

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