केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने जारी की जरूरी दवाओं की लिस्ट, 34 दवाओं को जोड़ा गया; कीमत बढ़ाना होना मुश्किल

देश
कुंदन सिंह
कुंदन सिंह | Special Correspondent
Updated Sep 13, 2022 | 17:44 IST

Essential Medicines List: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि 2015 के बाद करीब 7 साल बाद इस लिस्ट को रिवाइव किया गया है। इस लिस्ट में ज्यादातर क्रोनिक डिजीज के ड्रग्स को शामिल किया गया है, जिनकी दवाई लगातार या फिर लंबे समय तक चलती है।

Union Health Minister released the list of essential medicines 34 were added
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने जारी की जरूरी दवाओं की लिस्ट।  |  तस्वीर साभार: Twitter

Essential Medicines List: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मंगलवार को जरूरी दवाओं की नई लिस्ट जारी की। नई लिस्ट में 384 दवाओं को शामिल किया गया है, जिसमें करीब एक हजार से ज्यादा दवाओं की साल्ट शामिल होंगे। साल 2015 के बाद अब 2022 में नई लिस्ट आई है। नेशनल एसेंशियल मेडिसिन लिस्ट में जीवन रक्षक दवाई शामिल होती हैं। इस लिस्ट में इस बार 384 दवाओं को शामिल किया गया है। इनमें कैंसर से लेकर डायबिटीज जैसी बीमारियों में काम आने वाली दवाएं शामिल हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने जारी की जरूरी दवाओं की लिस्ट

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नेशनल एसेंशियल लिस्ट ऑफ मेडिसिन में शामिल ड्रग्स को बनाने वाली कंपनी ना इनपर ज्यादा मुनाफा ले सकती हैं और ना ही मनमाने तरीके से इनके कीमतों में इजाफा कर सकती हैं। इन दवाओं की कीमत नेशनल फार्मा ऑथोरिटी तय करेगी। केवल इनमें बढ़ोतरी भी होल सेल प्राइस इंडेक्स में बढ़ोतरी के बाद हो सकता है। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि 2015 के बाद करीब 7 साल बाद इस लिस्ट को रिवाइव किया गया है। इस लिस्ट में ज्यादातर क्रोनिक डिजीज के ड्रग्स को शामिल किया गया है, जिनकी दवाई लगातार या फिर लंबे समय तक चलती है। नई लिस्ट में करीब एक हजार से ज्यादा साल्ट की दवाओं को शामिल किया गया है। सरकार की कोशिश है कि नेशनल एसेंशियल लिस्ट में शामिल दवाई के कीमतों में नियंत्रण से लाखों लोगों को लाभ मिलेगा। 

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जरूरी दवाओं की लिस्ट में 34 नई दवाओं को जोड़ा गया

नई लिस्ट से दवाई सस्ती होगी, जिससे लोगों का आर्थिक बोझ कम होगा। इस बार की लिस्ट में जहां 34 नई ड्रग्स को जोड़ा गया है तो वहीं 26 ड्रग्स को हटाया गया है। इससे पहले साल 2015 में पहली बार 106 दवाओं को जोड़ा गया था, साथ ही 70 दवाओं को हटाया गया था। तब इसकी लिस्ट 376 दवाओं की थी। इससे पहले साल 2011 में 348 दवाएं इस लिस्ट में थी।

लिस्ट में शामिल करने की लंबी प्रक्रिया होती है। इसके लिए इडिपेंडेंट कमेटी तय करती है, तब दवाई शामिल होती है। इस बार 350 एक्सपर्ट ओपिनियन और 140 बार कंसल्टेशन करने की लिस्ट बनाई गई, जिसका आधार सेफ्टी, अफोर्डेबिलिटी और एक्सेसिबिलिटी था।


 

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