नई दिल्ली। श्रीनगर में शनिवार को गुपकार से जुड़े नेता एक बार फिर जुटे और अनुच्छेद 370 की बहाली पर चर्चा की। इसके साथ ही पीपल्स अलाएंस के अध्यक्ष के तौर पर फारुक अब्दुल्ला तो महबूबा मुफ्ती उपाध्यक्ष चुनी गईं। महबूबा मुफ्ती के आवास पर करीब 1 घंटे की मीटिंग चली और उसके बाद फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि वो लोग बीजेपी का विरोध करते हैं और इसका यह अर्थ नहीं है कि वो एंटी नेशनल हैं। वो मानते हैं कि जिस तरह से अनुच्छेद 370 को हटाया गया वो संविधान के खिलाफ था। इस विषय पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपने अंदाज में प्रतिक्रिया दी।
रविशंकर प्रसाद ने धर्मनिरपेक्ष दलों पर साधा निशाना
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि महबूबा मुफ्ती ने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान कैसे किया, इससे ज्यादा आपत्तिजनक कुछ नहीं हो सकता। J & K भारत का अविभाज्य अंग है। कला। 370 निरस्तीकरण संवैधानिक प्रक्रिया थी। हम उसकी टिप्पणी की निंदा करते हैं, लेकिन इस राष्ट्र-विरोधी टिप्पणी पर तथाकथित धर्मनिरपेक्ष लॉबी चुप क्यों है ?
पीडीपी के सच को समझती है जनता
रविशंकर प्रसाद ने इसके साथ यह भी कहा कि फारुक अब्दुल्ला या महबूबा मुफ्ती के बयान से आश्चर्य नहीं कर सकते। दरअसल ये दोनों नेता मौकापरस्ती की बात करते रहे हैं। महबूबा को भारत राग तब अच्छा लगता है जब वो सत्ता में होती हैं। लेकिन सत्ता से बेदखल होने के बाद संविधान खतरे में नजर आता है, जम्मू-कश्मीर की अवाम के साथ केंद्र सरकार नाइंसाफी करने लगती है। लेकिन सच यह है कि जनता इन नेताओं के सच को समझ चुकी है।
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