केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जकरबर्ग को चिट्ठी लिखकर Facebook पर 'राजनीतिक भेदभाव' के लगाए 'गंभीर आरोप

देश
रवि वैश्य
Updated Sep 01, 2020 | 21:27 IST

Ravi Shankar Prasad letter to Facebook:केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग को चिट्ठी लिखकर गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि  फेसबुक 'राजनीतिक भेदभाव' करता है।

Union Minister Ravi Shankar Prasad wrote a letter to mark Zuckerberg accusing him of 'political discrimination' on Facebook
केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लिखा है कि फेसबुक को संतुलित व निष्पक्ष होना चाहिए 
मुख्य बातें
  • केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग को एक लेटर लिखा है
  • आरोप लगाया है कि फेसबुक इंडिया की टीम राजनीतिक विचारधारा के आधार पर भेदभाव करती है
  • उन्होंने कहा कि फेसबुक इंडिया में कई बड़े अधिकारी प्रधानमंत्री और कई कैबिनेट मंत्रियों के प्रति अपशब्द कहते हैं

नई दिल्ली: बीजेपी नेता और केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने फेसबुक ( Facebook) के सीईओ मार्क जकरबर्ग को पत्र लिखकर बड़े आरोप लगाए हैं, रविशंकर प्रसाद ने जकरबर्ग को भेजे गए लेटर में लिखा है कि फेसबुक इंडिया की टीम राजनीतिक विचारधारा के आधार पर भेदभाव करती है, फेसबुक की राजनीतिक दलों से साठगांठ के आरोपों के बीच ये पत्र खासा अहम माना जा रहा है।

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि फेसबुक इंडिया में कई बड़े अधिकारी प्रधानमंत्री और कई कैबिनेट मंत्रियों के प्रति अपशब्द कहते हैं साथ ही ये भी लिखा है कि उन्हें जानकारी मिली है कि फेसबुक इंडिया की टीम में कई वरिष्ठ अधिकारी एक खास राजनीतिक विचारधारा के समर्थक हैं।

प्रसाद ने इस पत्र में लिखा है कि 2019 के चुनाव से पहले फेसबुक इंडिया मैनेजमेंट ने दक्षिणपंथी विचारधारा के समर्थकों के फेसबुक पेज डिलीट कर दिए या उनकी पहुंच घटा दी थी, उन्होंने आरोप लगाया कि फेसबुक इंडिया टीम में कई वरिष्ठ अधिकारी एक विशेष राजनीतिक विचारधारा के समर्थक हैं।

उन्होंने लिखा है कि फेसबुक को संतुलित व निष्पक्ष होना चाहिए। लिखा कि किसी भी संस्थान में काम करने वाले व्यक्तियों की पसंद और नापसंद हो सकती है, लेकिन एक संस्थान की पब्लिक पॉलिसी पर इसका कोई असर नहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि फेसबुक ने दुनिया के करोड़ों लोगों को अपने विचार व्यक्त करने का एक मंच दिया है, लेकिन उसे ध्यान रखना होगा कि विचारों की अभिव्यक्ति और अफवाहों के प्रसार में बहुत अंतर है अत: उसे अपनी जिम्मेदारी का पालन करते हुए एक खास विचारधारा को प्रमोट करने और गलत जानकारियों को फैलाने से बचना चाहिए।


कांग्रेस ने फेसबुक एवं भाजपा के बीच ‘सांठगांठ’ होने का आरोप फिर लगाया

इससे पहले आज कांग्रेस ने कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूहों की खबरों का हवाला देते हुए मंगलवार को फेसबुक एवं भाजपा के बीच ‘सांठगांठ’ होने का आरोप फिर लगाया और दावा किया कि भारत के लोकतंत्र एवं सामाजिक सद्भाव पर किया गया ‘हमला’ बेनकाब हुआ है।मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि इस पूरे प्रकरण की तत्काल जांच होनी चाहिए और दोषी पाए जाने पर लोगों को दंडित किया जाना चाहिए।पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेरिकी अखबार ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ की हालिया खबर को ट्विटर पर शेयर करते हुए सरकार पर निशाना साधा।

उन्होंने दावा किया, 'अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भारत के लोकतंत्र और सामाजिक सद्भाव पर फेसबुक एवं व्हाट्सऐप के खुलेआम हमले को बेनकाब कर दिया है।' कांग्रेस नेता ने कहा, 'किसी भी विदेशी कंपनी को भारत के आंतरिक मामलों में दखल की अनुमति नहीं दी जा सकती। उनकी तत्काल जांच होनी चाहिए और अगर वे दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें दंडित किया जाना चाहिए।' उल्लेखनीय है कि व्हाट्सऐप का स्वामित्व फेसबुक के पास है।

कांग्रेस ने एक बयान जारी कर आरोप लगाया कि फेसबुक और भाजपा की कथित सांठगांठ ने लोकतंत्र को चोट पहुंची है। उसने दावा किया, 'भाजपा का मकसद ‘फूट डालो, शासन करो’ है और फेसबुक इसमें उसकी मदद कर रहा है। भाजपा और फेसबुक की इस सांठगांठ की जांच होनी चाहिए।हाल ही में ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ अखबार और ‘टाइम पत्रिका’ ने कुछ खबरें प्रकाशित की थीं जिनमें दावा किया गया था कि फेसबुक की भारतीय इकाई के कुछ पदाधिकारियों ने भाजपा को फायदा पहुंचाया। 

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