'हर हाथ को काम, हर घर में रोजगार', योगी सरकार का पूरा रोडमैप तैयार 

देश
कुलदीप राघव
Updated Jun 01, 2020 | 18:37 IST

कोरोना काल में वापस आए 30 लाख प्रवासी श्रमिक उत्‍तर प्रदेश की संपदा हैं और उन्‍हें यहीं पर रोजगार देने का पूरा रोडमैप योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्‍व वाली यूपी सरकार ने तैयार कर ल‍िया।

Yogi Adityanath CM Uttar Pradesh
Yogi Adityanath CM Uttar Pradesh 

'30 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को अगले छह महीने में रोजगार देगी उत्‍तर प्रदेश सरकार'- एक महीने पहले जब यह बात उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कही थी तो विपक्ष के कई नेताओं ने उनकी इस बात का खुलेआम मखौल उड़ाया था। कहा जा रहा था कि योगी सरकार केवल घोषणाएं, दावे और वादे कर रही है लेकिन असल में प्रवासी मजदूरों के हितों के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। कोरोना काल में 1567 ट्रेनें यूपी आई हैं और इनमें 19 लाख 15 हजार से ज्‍यादा प्रवासी 'घर वापस' आए हैं। कई अन्य ट्रेन भी आने वाली हैं। वहीं अब तक करीब 30 लाख से अधिक लोगों की घर वापसी हुई है। 

लॉकडाउन के शुरुआती चरण में जब दिल्‍ली के आनंद विहार बॉर्डर पर हजारों श्रमिक जुट गए थे, तब उन्‍हें रातोंरात घर पहुंचाने की व्‍यवस्‍था करने के साथ ही यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने इस स्थिति को भांप लिया था कि आने वाले द‍िनों में कई और राज्‍यों से श्रमिक और कामगार यूपी आएंगे, जोकि लाखों की संख्‍या में हो सकते हैं। योगी ने टीम 11 के साथ बैठक कर यूपी आने के इच्छुक श्रमिकों की राह आसान की, साथ ही प्रदेश में रोजगार के पर्याप्‍त अवसर अपने कुछ महीनों में तैयार करने के निर्देश दिए। पूरा महकमा इस दिशा में लग गया कि कैसे प्रवासी श्रमिकों की सकुशल घर वापसी हो और उन्‍हें रोजगार प्रदान किया जाए। 

जब बसों और ट्रेनों के माध्‍यम से श्रमिकों का आना प्रारंभ हुआ तो योगी आदित्‍यनाथ ने एक ऐसा कदम उठाया, जो हर राज्‍य के लिए नजीर बन गया। यह कदम था प्रवासी मजदूरों और कामगारों के स्किल मैपिंग का। कौन मजदूर किस कार्य में दक्ष है, इसकी पूरी जानकारी का रिकॉर्ड सरकार ने तैयार कर लिया। इसका फायदा ये हुआ कि जब इंडियन इंड्रस्ट्रीज एसोसिएशन, नेशनल रियल इस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल, सीआईआई, लघु उद्योग भारती ने श्रमिकों की मांग की तो तत्‍काल सरकार ने एमओयू हस्‍ताक्षर कर 11 लाख से अधिक श्रमिकों के लिए रोजगार का मार्ग प्रशस्‍त कर दिया। अपने इस कदम से योगी आदित्‍यनाथ ने एक ही बार में लाखों मजदूरों को रोजगार दिया और अपने नेतृत्‍व कौशल का परिचय दिया। 

रोजगार के ल‍िए बनाई समिति
योगी आदित्‍यनाथ ने एक समिति तैयार की है जो रोजगार के ज्यादा अवसर पैदा करने के रास्तों को लेकर भी सुझाव देगी। समिति कुटीर, लघु एवं मंझोले उद्योगों समेत विभिन्न उद्योगों में रोजगार के अवसर पैदा करने की सम्भावनाएं भी तलाशेगी। योगी आदित्‍यनाथ कह चुके हैं कि रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने रिवॉल्विंग फण्ड में जो बढ़ोतरी की है, उससे महिला स्वयंसेवी समूहों को विभिन्न गतिविधियों जैसे सिलाई, अचार, मसाला बनाना इत्यादि के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जाए। महिलाओं द्वारा निर्मित सामग्रियों की मार्केटिंग ओडीओपी के माध्यम से की जाए। वापस आए प्रवासी श्रमिक उत्‍तर प्रदेश की संपदा हैं और उन्‍हें रोजगार देकर यहीं रहने के अवसर देने हैं। ऐसे में योगी सरकार ने पूरा रोडमैप तैयार कर लिया है। सरकार ने 'एक जिला, एक उत्पाद योजना' (ओडीओपी) के तहत रोजगार सृजन के साथ-साथ बैंक के माध्यम से ऋण मेले आयोजित करने की योजना बनाई है। रोजगार मेलों के आयोजन से अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जा सकेंगे। 

स्किल मैपिंग के आधार पर काम
उत्‍तर प्रदेश की योगी सरकार कामगारों की स्किल मैपिंग करने में जुटी है। 18 लाख श्रमिकों की स्किल मैपिंग का काम पूरा हो चुका है और श्रमिकों को फोन कर उनके काम के बारे में पूछा जा रहा है। सरकार का प्रयास है कि रेडिमेड गार्मेंट के कारोबार के साथ इत्र, धूप बत्ती, अगरबत्ती, एग्री प्रोडक्ट्स, फूड पैकेजिंग और गौ आधारित कृषि के उत्पादों, फूल आधारित उत्पादों, कंपोस्ट खाद आदि के कारोबार पर रणनीति बना रोजगार प्रदान किए जाएं। वहीं श्रमिकों के साथ ही महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से भी रोजगार पैदा करने की रणनीति बन रही है। 

सिक इंडस्ट्रियल यूनिट को क्रियाशील करने की योजना
कोरोना काल में पैदा हुई चुनौती को अवसर के रूप में बदल रहे मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ उन सभी क्षेत्रों पर चर्चा कर रहे हैं जहां जहां रोजगार के अवसर बन सकते हैं। यही वजह है कि उन्‍होंने प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजित करने के लिए सिक इंडस्ट्रियल यूनिट को क्रियाशील करने की एक कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसका मतलब साफ है कि प्रदेश में जो उद्योग बंद हो चुके हैं उन्हें वापस शुरु किया जाएगा। उद्योगों को सहूलियतें दी जाएंगी जिससे अर्थव्‍यवस्‍था पटरी पर आ सके।

एक जिला एक उत्पाद योजना पर फोकस
24 जनवरी  2018 को प्रदेश के जनपदों में पारम्परिक शिल्प एवं लघु उद्ययमों के संरक्षण के लिए और उसमें अधिक से अधिक रोजगार सृजन करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा इस योजना को लॉन्च किया गया था। इस योजना के तहत सभी जिलों का अपना एक प्रोडक्ट होगा, जो उस जिले की पहचान बनेगा। यह बिजनेस सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) के श्रेणी में रखा गया है। इस एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत राज्य के बेरोजगार युवाओं और प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के अवसर प्रदान करने की तैयारी की जा रही है।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर