लखनऊ : गौतमबुद्ध नगर के एसएसपी वैभव कृष्ण के कथित वीडियो मामले पर उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने शुक्रवार को प्रतिक्रिया दी। सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस वीडियो की जांच की जा रही है और वह फिलहाल इस पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकते। बता दें कि गौतमबुद्ध नगर के एसएसपी वैभव कृष्ण का एक आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसके बाद एसएसपी ने अपने ही विभाग के पांच पुलिस अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए डीजीपी को पत्र लिखा है।
डीजीपी ने कहा, ' एडीजी मेरठ इस मामले की जांच कर रहे हैं। नोएडा एसएसपी के गोपनीय पत्र में कई बातों का जिक्र किया गया था और उसके आधार पर हमने कार्रवाई की। पत्र में अतुल शुक्ला, शकीना, मोहम्मद जुहैद, विष्णु कुमार पांडे, अनुभव भल्ला और अमित शुक्ला इन छह व्यक्तियों के बारे में जिक्र किया गया कि ये लोग गलत दस्तावेज के आधार पर टेंडर लेना चाहते थे। इनके खिलाफ जांच के बाद कार्रवाई की गई। इनमें से दो व्यक्तियों को जेल भेजा गया। दो ने बेल पर स्टे लिया है। एक या दो फरार चल रहे हैं।'
पुलिस अधिकारी ने आगे कहा, 'नोएडा एसएसपी द्वारा भेजे गए पत्र एवं दस्तावेजों की जांच की जा रही है। पूरे तथ्यों की जानकारी होने के बाद इस बारे में जानकारी साझा की जाएगी। हमारा मानना है कि नोएडा एसएसपी की ओर से यह एक अनधिकृत पहल हुई। यह ऑल इंडिया सर्विस रूल के खिलाफ है। हमने इस पर पुलिस अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है।'
उन्होंने कहा, 'आईजी मेरठ ने एसएसपी से पूछा है कि उन्होंने गोपनीय दस्तावेजों को लीक क्यों किया? गोपनीय दस्तावेज में पुलिस विभाग के कुछ अधिकारियों के भी नाम हैं। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी मनोज भदौरिया के नाम का भी जिक्र है। ऑडियो क्लिप में ठेका दिए जाने की बात कही गई है।' डीजीपी ने कहा, 'साइबर क्राइम ब्रांच और एसटीएफ क्लिप की जांच कर रहे हैं। यह जांच पूरी हो जाने के बाद हम इस बारे में कुछ कह सकेंगे।'
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक वैभव कृष्ण का आरोप है कि उनके खिलाफ साजिशन वीडियो क्लिप बनाई गई और इस साजिश में दो एसएसपी, तीन एसपी सहित पांच आईपीएस अफसर शामिल हैं। नोएडा के एसएसपी ने अपने ही विभाग के अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
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