'सिर्फ पोस्टर हटेंगे, धाराएं नहीं, योगीराज में दंगाइयों से नरमी असंभव है'

देश
आलोक राव
Updated Mar 09, 2020 | 17:58 IST

Allahabad High Court: कोर्ट के आदेश के बाद योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने कहा, 'इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सरकार से पोस्टर्स हटाने के लिए कहा है, उनके खिलाफ लगे धाराओं को नहीं।

UP government says only posters will be removed not charges against rioters
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने होर्डिंग्स हटाने का आदेश दिया है। 
मुख्य बातें
  • गत दिसंबर में लखनऊ, अलीगढ़ सहित कई शहरों में हुए थे हिंसक प्रदर्शन
  • हिंसा के बाद योगी सरकार ने दंगाइयों के खिलाफ अपनाया सख्त रुख
  • उपद्रव करने वालों की पहचान कर प्रशासन ने भेजना शुरू किया नोटिस

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उपद्रवियों की पहचान उजागर करने वाले पोस्टर्स हटाने का आदेश दिया है न कि उनके खिलाफ लगी धाराएं। सरकार ने कहा कि 'दंगाइयों के केवल पोस्टर हटेंगे, धाराएं नहीं।' बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सीएए के खिलाफ हिंसा करने वाले आरोपियों की तस्वीरें उनके नाम और पते के साथ राजधानी लखनऊ के प्रमुख चौराहों पर लगवाया है। इस मामले को कोर्ट ने खुद संज्ञान में लिया और आज योगी सरकार को इन होर्डिंग्स को हटाने का आदेश दिया।

कोर्ट के आदेश के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने कहा, 'इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सरकार से पोस्टर्स हटाने के लिए कहा है, उनके खिलाफ लगे धाराओं को नहीं। दंगाइयों की पहचान उजागर करने की लड़ाई हम जारी रखेंगे।' इसके पहले मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर एवं जस्टिस रमेश सिन्हा ने जिलाधिकारी एवं लखनऊ के पुलिस कमिश्नर को 16 मार्च तक इस मामले में एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। कोर्ट ने खुद इस मामले को संज्ञान में लिया और इसे 'अत्यंत अन्यायपूर्ण' बताया। कोर्ट ने कहा कि यह 'व्यक्ति की निजी आजादी का घोर अतिक्रमण करने वाला है।' 

 

होर्डिंग्स में लगी थी 57 लोगों की तस्वीर 
योगी सरकार ने गत शुक्रवार को लखनऊ में 57 लोगों की तस्वीरों के साथ शहर भर में होर्डिंग्स लगवाए। इन होर्डिंग्स में प्रदर्शनकारियों के नाम और पते भी दिए गए। सरकार का कहना है कि वह प्रदर्शन के दौरान संपत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई इन दंगाइयों से करेगी। इसके लिए उन्हें एक सप्ताह का समय दिया गया है। ये लोग तय समय में 1 करोड़ 55 लाख 62 हजार 537 रुपए की भरपाई यदि नहीं करते हैं तो सरकार इनकी संपत्तियों को कुर्क करना शुरू करेगी।  

सपा-बसपा ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया
वहीं, कोर्ट के इस फैसले का विपक्ष ने स्वागत किया है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा, 'इस सरकार को न तो नागरिकों की निजता के अधिकार के बारे में पता है और न वह संविधान का सम्मान करना जानती है। प्रदेश के लोग इस सरकार से निराश हो चुके हैं। हम हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं।' बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने भी कोर्ट के फैसले का सम्मान किया। मायावती ने कहा, 'बसपा होर्डिंग्स हटवाने वाले हाई कोर्ट के फैसले का सम्मान करती है।'

दिसंबर में यूपी में हुए थे हिंसक प्रदर्शन
बता दें कि गत दिसंबर में संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएए) पारित होने के बाद उत्तर प्रदेश के कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन हुए। सूबे के गोरखपुर, लखनऊ, अलीगढ़ और मेरठ सहित कई जगहों पर लोग सड़कों पर उतरे और उपद्रव किया। सीएए प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में यूपी में कम से कम 18 लोगों की जान गई। अलीगढ़ में 15 दिसंबर को प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की जिसमें कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए। यहां पुलिस को स्थिति पर काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने स्पष्ट कर दिया है कि उकी सरकार राज्य में कानून-व्यवस्था को चुनौती देने वाले लोगों को सख्ती से निपटेगी। उनसी सरकार सभी लोगों को सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

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