Rampur: क्या आपने देखा है 'सबका साथ- सबका विकास' वाला ऐसा नजारा, जहां योगी और ओवैसी हैं साथ में

देश
किशोर जोशी
Updated Mar 19, 2021 | 13:23 IST

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं और उम्मीदवार घर- घर जाकर लोगों से संपर्क कर रहे हैं और अपने पोस्टर बांट रहे हैं। कई पोस्टर ऐसे हैं जो खूब सुर्खियां बंटोर रहे हैं।

UP Panchayat Polls Owaisi and Yogi seen together in election poster, people said this is Sabka Saath, Sabka Vikas
चुनावी पोस्टर में साथ दिखे ओवैसी और योगी, लोगो बोले- वाह.. 
मुख्य बातें
  • उत्तर प्रदेश में के पंचायत चुनाव प्रचार में दिख रहा है अनूठा नजारा
  • यूपी के रामपुर में सबका साथ, सबका विकास वाला पोस्टर आया नजर
  • चुनावी पोस्टर में योगी के साथ नजर आए ओवैसी और अखिलेश जैसे अन्य नेता

रामपुर:  उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मियां जोरों पर हैं। तमाम उम्मीदवार अपनी जीत के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और डोर- टू- डोर कैंपेन पर फोकस कर रहे हैं। उम्मीदवार गांव- गांव जाकर लोगों से संपर्क साधने के साथ- साथ उन्हें अपने पर्चे, बैनर और पोस्टर भी बांट रहे हैं।  यूपी के रामपुर जिले से एक प्रधान पद के दावेदार ने ऐसा पोस्टर छपवाया है जो पूरे इलाके में खूब सुर्खियों में बना हुआ है।

पोस्टर बंटोर रहा है सुर्खियां

रामपुर में लगे एक उम्मीदवार का चुनावी पोस्टर बरबस ही सबका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है। इस पोस्टर में गांव के प्रधान प्रत्याशी की तस्वीर तो है ही लेकिन उससे भी अधिक है, उसमें लगी अन्य तस्वीरें और कैप्शन। पोस्टर के सबसे ऊपर लिखा हुआ है, 'सबका साथ, सबका विकास'। इसके साथ ही सबसे ऊपर पीएम मोदी, सीएम योगी, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी, अखिलेश यादव, मायावती तथा असद्दुीन ओवैसी की तस्वीर भी हैं।  यानि उम्मीदवार ने अपने चुनावी पोस्टर में सारे नेताओं की तस्वीरों का इस्तेमाल कर लिया है।

विकास को बताया प्राथमिकता
पोस्टर में दिख रहे शख्स का नाम मुईदुर्रहमान है जो प्रधान पद के लिए दावेदारी कर रहा है। मुईदुर्रहमान खुद को किसी भी पार्टी से जुड़ा हुआ नहीं बताते हैं और कहते हैं कि वह सामाजिक समरसता के साथ कार्य करना चाहते हैं। विकास के मुद्दे को अपनी प्राथमकिता बताते हुए कहते हैं कि हमें किसी पार्टी से मतलब नहीं है बस गांव का विकास होना चाहिए।

आपको बता दें कि कि इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ पीठ ने सोमवार को राज्य की योगी सरकार को उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण को अंतिम रूप देने के लिए 2015 को आधार वर्ष के रूप में रखने का आदेश दिया। अदालत ने इसके साथ ही पंचायत चुनाव पूरा कराने के लिए सरकार और आयोग को 25 मई तक का समय दिया है।
 

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