गांधी जयंती पर मातृभूमि योजना लांच करेगी योगी सरकार, पूर्वजों के नाम पर करा सकेंगे भवन-योजना का नाम 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, 25 सितंबर को पं. दीनदयाल उपाध्याय व 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी का जन्मदिवस है। इसे सेवा पखवाड़ा के तहत मनाया जा रहा है। सरकार कई कार्यक्रम चला रही है। इसे ध्यान में रखते हुए उक्त कार्यक्रम बनाया गया है। 

 UP : Yogi government will launch matrubhumi scheme on Gandhi Jayanti
गांधी जयंती पर मातृभूमि योजना लांच करेगी योगी सरकार। 
मुख्य बातें
  • किसान मेले व ग्राम्य विकास प्रदर्शनी का सीएम ने किया वर्चुअल शुभारंभ
  • '2017 के पहले नहीं होते थे बिजली के दर्शन, अब स्ट्रीट लाइट से जगमगाते हैं गांव'
  • पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सपनों को साकार कर रही केंद्र व राज्य सरकार-सीएम योगी

लखनऊ : सरकार महात्मा गांधी की जयंती (2 अक्टूबर) पर मातृभूमि योजना पोर्टल लांच करेगी। इससे आमजन को जोड़ा जाएगा। यदि कोई व्यक्ति गांव में सामुदायिक भवन, चिकित्सालय, स्कूल,  कॉमन सर्विस सेंटर आदि का निर्माण अपने पूर्वज के नाम पर कराना चाहते हैं तो उन्हें 60 फीसदी पैसा देना होगा। 40 फीसदी पैसे राज्य सरकार लगाएगी। उक्त भवन/योजना उनके पूर्वज के नाम पर होगी।   

यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं। वे गुरुवार को मथुरा में पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति महोत्सव समिति की ओऱ से आयोजित किसान मेले व ग्राम्य विकास प्रदर्शनी के शुभारंभ समारोह को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। खराब मौसम के कारण मुख्यमंत्री को लखनऊ से ही कार्यक्रम में सम्मिलित होना पड़ा। सीएम ने कहा कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, 25 सितंबर को पं. दीनदयाल उपाध्याय व 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी का जन्मदिवस है। इसे सेवा पखवाड़ा के तहत मनाया जा रहा है। सरकार कई कार्यक्रम चला रही है। इसे ध्यान में रखते हुए उक्त कार्यक्रम बनाया गया है। 

इंटरनेट व फ्री वाईफाई सेवा बढ़ाने जा रहे : CM योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गांवों में हाईस्पीड इंटरनेट व फ्री वाईफाई सेवा बढ़ाने जा रहे हैं। हाईस्पीड इंटरनेट की सेवा अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करती है। हम हर ग्राम पंचायत को बेहतर कनेक्टिविटी से जोड़ने जा रहे हैं। इससे ग्रामीणों को बैंकों, थाने, तहसील से जुड़ी 243 तरह की सेवाएं गांवों के पंचायत सचिवालय में ही मिलेंगी। सीएम ने कहा कि अंत्योदय के प्रणेता दीनदयाल उपाध्याय के धाम में 50 वर्ष से यह कार्यक्रम चल रहा है। ग्राम्य विकास, खेती-किसानी व अन्नदाता किसानों की खुशहाली को लेकर जो भी कार्य इस धाम में हुआ है, वह देश के लिए प्रेरणा बना है। भारत की अर्थव्यवस्था ग्राम्य आधारित है। यही कारण है कि जब देश आजादी की लड़ाई लड़ रहा था, तब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भारत की स्वाधीनता के लिए स्वदेशी व ग्राम स्वराज के माध्यम से स्वालंबन का मंत्र दिया था। 

अन्नदाता किसानों के जीवन में परिवर्तन के लिए काम कर रही डबल इंजन की सरकार
सीएम योगी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार अन्नदाता किसान के जीवन में परिवर्तन के लिए काम कर रही है। जब जनसंघ व भाजपा सत्ता से दूर थी, तब पं. दीनदयाल उपाध्याय ने देश को नया अर्थशास्त्र दिया था। उन्होंने कहा था कि किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की कसौटी आर्थिक रूप से संपन्न लोगों से नहीं, बल्कि सबसे निचले पायदान पर बैठे व्यक्ति की आर्थिक स्थिति से हो सकती है। उन्होंने अंत्योदय की नई परिकल्पना की थी। अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन का संकल्प था। हर खेत को पानी, हर हाथ को काम देने का संकल्प था।

पं. दीनदयाल उपाध्याय की परिकल्पना को साकार कर रहीं भाजपा सरकारें
केंद्र व राज्य की भाजपा सरकारें पं. दीनदयाल उपाध्याय की परिकल्पना को साकार कर रही हैं। भाजपा सरकारें पीएम आवास योजना से हर गरीब को छत उपलब्ध करा रही है। यह पंडित जी के सपने साकार होने जैसा है। शौचालय, स्वच्छता के साथ नारी गरिमा का प्रतीक है। हर घऱ नल योजना के जरिए हर घर तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना भी पं. उपाध्याय के संकल्पों को बढ़ाने का उपक्रम है। रसोई गैस व बिजली कनेक्शन फ्री उपलब्ध होना भी पं. दीनदयाल उपाध्याय के संकल्प को चरितार्थ करना है। हर खेत को पानी पहुंचाना भी उनके सपने को साकार करने जैसा है। केंद्र व राज्य सरकार उनके संकल्पों के साथ नागरिकों के जीवन में परिवर्तन लाने की दिशा में काम कर रही है। 

2017 के पहले नहीं होते थे बिजली के दर्शन 
सीएम ने कहा कि दीनदयाल धाम में प्रदर्शनी व संगोष्ठी आज की आवश्यकता है। 2017 के पहले बिजली के दर्शन नहीं होते थे, अब सभी गांवों में स्ट्रीट लाइट जलती है। यह नए भारत, नए यूपी की तरफ ध्यान आकृष्ट करता है। कैंप लगाकर जरूरतमंदों को गैस के निःशुल्क कनेक्शन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए पहले रोजगार का अभाव था। आज महिला समूहों द्वारा कई कार्यक्रम हो रहे। पहले रोजगार के लिए युवाओं को भटकना पड़ता था, अब नौजवान ओडीओपी व विश्वकर्मा श्रम सम्मान के जरिए आर्थिक स्वावलंबन की तरफ अग्रसर हैं। य़ह सारे काम पं. दीनदयाल उपाध्याय के संकल्प व सपनों को पूरा करने जैसा है।

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