भारत को अपना अत्याधुनिक F-18 लड़ाकू विमान देने को तैयार अमेरिका, नौसेना की चाहिए 57 फाइटर्स

American F 18 fighters : भारत ने जब 126 मल्टीरोल मीडियम कॉम्बेट एयरक्राफ्ट के लिए जब निविदा निकाली थी तो अमेरिका ने अपने एफ-18 लड़ाकू विमानों को बेचने की कोशिश की थी।

 US offers F-18 fighters to India for Naval requirement
भारत को अपना अत्याधुनिक F-18 लड़ाकू विमान देने को तैयार अमेरिका।  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • मंगलवार को दिल्ली में हुई भारत और अमेरिका के बीच 'टू प्लस टू वार्ता'
  • अमेरिका ने अपने एफ-18 लड़ाकू विमानों को भारत को देने की पेशकश की
  • नौसेना ने एयरक्राफ्ट युद्धपोतों के लिए 57 लड़ाकू विमान खरीदे जाने जरूरत बताई है

नई दिल्ली : भारत के साथ अपने सैन्य एवं रक्षा सहयोगी को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए अमेरिका ने अपने अत्याधुनिक लड़ाकू विमान एफ-18 देने की पेशकश की है। भारतीय नौसेना को नए लड़ाकू विमानों की जरूरत है, इसे देखते हुए अमेरिका ने यह प्रस्ताव दिया है। नौसेना ने अपने आईएनएस विक्रमादित्य एवं निर्माणाधीन एयरक्राफ्ट सहित अन्य एयरक्राफ्ट युद्धपोतों के लिए 57 लड़ाकू विमान खरीदे जाने जरूरत बताई है। नौसेना का कहना है कि उसे अगले कुछ वर्षों में इन फाइटर्स प्लेन की जरूरत पड़ेगी।  

'टू प्लस टू वार्ता' के दौरान की पेशकश
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक सरकार के सूत्रों ने कहा, 'टू प्लस टू वार्ता' के दौरान दोनों देशों के रक्षा शिष्टमंडलों के बीच बैठक हुई। इस बैठक में अमेरिकी सरकार ने सरकारी प्रस्ताव के तहत अपने एफ-18 लड़ाकू विमान भारतीय नौसेना को उपलब्ध कराने की पेशकश की।' बता दें कि अमेरिका हाल के समय में भारत के समक्ष अपने रक्षा उपकरणों, हथियारों सहित मानव रहित एयरक्राफ्ट सी गार्जियन और एफ-18 लड़ाकू विमानों को बेचने की पेशकश कर चुका है। 

नौसेना को नए फाइटर्स प्लेन की जरूरत
सूत्रों का कहना है कि भारतीय नौसेना अपनी भविष्य की जरूरतों के हिसाब से इस समय एफ-18 और राफेल के नेवी संस्करण का आकलन कर रही है। नौसेना के ज्यादातर लड़ाकू विमान इस दशक के अंत तक अथवा उसके बाद पुराने पड़ जाएंगे। इसे देखते हुए नौसेना चरणबद्ध तरीके से लड़ाकू विमानों को अपने बेडे़ में शामिल करना चाहती है।

एफ-18 को काफी उन्नत बताया जा रहा है
बताया जा रहा है कि भारत के लिए अमेरिका ने जिन एफ-18 लड़ाकू विमानों को देने की पेशकश की है, वे काफी अत्याधुनिक एवं उन्नत हैं। भारत ने जब 126 मल्टीरोल मीडियम कॉम्बेट एयरक्राफ्ट के लिए जब निविदा निकाली थी तो अमेरिका ने अपने एफ-18 लड़ाकू विमानों को बेचने की कोशिश की थी लेकिन भारत की जरूरतों पर राफेल एवं यूरोपियन फाइटर ही खरे उतरे और इस रेस में राफेल ने बाजी मार ली। आगे चलकर भारत सरकार ने 126 लड़ाकू विमानों को खरीदने का इरादा बदल दिया और फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का सौदा किया। 

फ्रांस के साथ 36 राफेल का हुआ है करार
फ्रांस के साथ 36 लड़ाकू विमान खरीदने की डील 59,000 करोड़ रुपए में हुई। फ्रांस से 5 लड़ाकू विमान भारत पहुंचकर वायु सेना में शामिल हो चुके हैं जबकि तीन राफेल पांच नवंबर को भारत पहुंच रहे हैं। हाल के समय में भारतीय नौसेना में अमेरिकी रक्षा उपकरण शामिल हुए हैं। नौसेना के निगरानी दस्ते में 12पी-8I एयरक्राफ्ट शामिल हैं आने वाले समय में इस तरह के छह और एयरक्राफ्ट शामिल होंगे। नौसेना के बेड़े में अमेरिकी 24 एमएच-60 रोमियो हेलिकॉप्टर को भी शामिल किया जाएगा।

सेना में शामिल हैं अमेरिकी हथियार एवं रक्षा उपकरण
हाल के वर्षों में अमेरिका से भारतीय सेना में भारी वाहन उठाने वाले सी-17, परिवहन विमान सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस, अल्ट्रा लाइट होवित्जर एम-777, अटैक हेलिकॉप्टर अपाचे, वजन उठाने वाले चिनूक, एसआईजी असाल्ट राइफल शामिल हुए हैं।

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