देहरादून : उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने की घटना के बाद से अब तक 26 शव मिल चुके हैं जबकि 197 लोग अभी लापता बताए जा रहे हैं। लापता लोगों की तलाश के लिए राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है। सुरंग में फंसे लोगों को निकालने के लिए बचाव कार्य तेज कर दिया गया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से मृतक और लापता लोगों के बारे में आंकड़ा जारी किया गया है।
अब तक 26 शव मिले
सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक प्रशासन को 26 शव मिल चुके हैं जबकि 197 लोग लापता हैं। लापता लोगों में रेणी गांव के पांच, तपोवन ऋत्विक कंपनी के 121, करछौ के 2, रिंगी गांव के 2, ऋषि गंगा कंपनी के 46, ओम मैटल के 21, एचसीसी के 3 और तपोवन गांव के दो लाग शामिल हैं। बताया जा रहा है कि टनल में 35 लोग अभी भी फंसे हैं। (टनल में फंसे लोग लापता व्यक्तियों की संख्या में शामिल हैं।)
सरकार करेगी ग्लेशियरों की निगरानी की व्यवस्था
वहीं, केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने बताया कि टनल में करीब 34 लोग फंसे हैं और हम टनल में करीब 70 मीटर तक पहुंचने में सफल हो गए हैं। हमें अभी करीब 180 मीटर और आगे बढ़ना है। संचार प्रणाली अभी बहाल नहीं हो पाई है। हम ग्लेशियरों की दूर से निगरानी करने की व्यवस्था करेंगे। लोगों को यदि समय रहते चेतावनी दे दी जाती है तो जान-माल का नुकसान होगा।
मुख्यमंत्री रावत ने किया दौरा
टनल में फंसे लोगों को निकालने में इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी), एनडीआरएफ सहित कई एजेंसियां काम पर जुटी हैं। तपोवन के बड़े टनल से जवानों ने 90 मीटर मलबा निकाल दिया है। यहां अभी भी 100 मीटर टनल की सफाई होनी है। स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को चमोली जिले का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों का जीवन बचाना उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि आज शाम तक टनल से पूरा मलबा निकालने का काम पूरा कर लिया जाएगा।
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