नई दिल्ली : उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने की घटना पर अमेरिका, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, नेपाल सहित कई देशों ने अपनी शोक संवेदना जाहिर की है। रविवार को चमोली जिले के जोशीमठ में ग्लेशियर फटने की घटना में कम से कम 10 लोगों की जान जा चुकी है। अभी भी 100 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। इस आपदा से इलाके में भारी नुकसान हुआ है। गंगा की सहायक नदियों-धौली गंगा, ऋषि गंगा और अलकनंदा में बाढ़ से उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में दहशत फैल गई और बड़े पैमाने पर तबाही हुई।
एक सुरंग से 16 मजदूर निकाले गए
एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड पनबिजली परियोजना और ऋषिगंगा परियोजना पनबिजली परियोजना को बड़ा नुकसान हुआ तथा उनके कई श्रमिक सुरंग में फंस गए। तपोवन परियोजना की एक सुरंग में फंसे सभी 16 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है जबकि लगभग 125 अब भी लापता है। इस घटना पर कई देशों ने अपनी संवेदनाएं जाहिर की हैं। दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'ग्लेशियर फटने से प्रभावित हुए लोगों के लिए हमारी गहरी संवेदनाएं हैं। दुख की इस घड़ी में हम पीड़ित परिवारों एवं उनके दोस्तों के साथ हैं। हम घायलों के शीघ्र जल्द ठीक होने की कामना करते हैं।'
फ्रांस ने भारत के साथ एकजुटता जाहिर की
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने आपदा पर पीएम मोदी के ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी। फ्रांस के राष्ट्रपति ने एकजुटता जाहिर करते हुए कहा, 'फ्रांस भारत के साथ अपनी पूरी एकजुटता जाहिर करता है। हमारी संवेदनाएं आपाद से प्रभावित लोगों के साथ हैं।' नेपाल के विदेश मंत्री ने कहा है कि उनका देश इस त्रासदपूर्ण घटना पर काफी दुखी है। अपने एक ट्वीट में नेपाल के विदेश मंत्री ने कहा, 'उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने की घटना में जान गंवाने वाली परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं हैं। लापता लोग सुरक्षित हों, हम इसकी कामना करते हैं।'
हमारी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ-पाक
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपने एक ट्वीट में कहा कि उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने की वजह से लोगों की जान गई है। इस पर पाकिस्तान दुखी है। हमारी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। हम लापता लोगों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करते करते हैं। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन ने उत्तराखंड आपदा पर अपनी संवेदना एवं सहानुभूति जताई है। उन्होंने कहा है, 'इस कठिन समय में ऑस्ट्रेलिया अपने सबसे करीबी देशों में से एक भारत के साथ खड़ा है।'
भारी तबाही, लोगों ने सुनी जोरदार आवाज
उत्तराखंड के रैणी गांव में रविवार को हर दिन की तरह लोगों के लिए सर्दी की शांत सुबह थी लेकिन लगभग दस बजे उन्हें जोरदार आवाज सुनायी दी और ऋषिगंगा में पानी का सैलाब और कीचड़ आते हुए नजर आया। धरम सिंह नामक पचास वर्षीय एक ग्रामीण ने कहा, ‘हम यह समझ पाते कि क्या हो रहा है, उससे पहले ही ऋषिगंगा के कीचड़ वाले पानी ने सारी चीजें तबाह कर दीं।’
इस नजारे ने लोगों को 2013 की केदारनाथ की भयावह बाढ़ की याद दिला दी जिसमें हजारों लोगों की जान चली गयी थी। रविवार को कई लोगों के इस सैलाब में बह जाने की आशंका है। उनमें नदी के आसपास काम कर रहे लोग भी शामिल हैं।
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