प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच वर्चुअल बैठक हुई। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हमारी बातचीत ऐसे समय में हो रही है जब यूक्रेन की स्थिति चिंता का विषय है। कुछ हफ्ते पहले यूक्रेन में 20,000 से अधिक भारतीय फंसे हुए थे, उनमें से ज्यादातर युवा छात्र थे। हाल में बुचा शहर में निर्दोष नागरिकों की हत्याओं की खबर बहुत ही चिंताजनक थी। हमने इसकी तुरंत निंदा की और एक निष्पक्ष जाच की मांग भी की है। हम आशा करते हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रही बातचीत से शांति का मार्ग निकलेगा। मैंने यूक्रेन और रूस, दोनों के राष्ट्रपतियों से कई बार फोन पर बातचीत की। मैंने न सिर्फ शांति की अपील की, बल्कि मैंने राष्ट्रपति पुतिन को यूक्रेन के राष्ट्रपति के साथ सीधी बातचीत का सुझाव भी दिया। हमारी संसद में भी यूक्रेन के विषय पर बहुत विस्तार से चर्चा हुई है।
उन्होंने कहा कि हमने यूक्रेन में सिविलियन जनता की सुरक्षा और उनको मानवीय सहायता की निर्बाध आपूर्ति पर भी महत्त्व दिया है। हमने अपनी तरफ से दवाइयां व अन्य राहत सामग्री यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों को भेजी है। और यूक्रेन की मांग पर हम शीघ्र ही दवाइयों का एक और कन्साइनमेंट भेज रहे हैं।
मुझे आज वर्चुअली आपसे और आपके दो मंत्रियों और आपके राजदूत के साथ बात करने का अवसर पाकर प्रसन्नता हो रही है। हम कोविड-19 के दौरान वैश्विक चुनौतियों का सामना करने, स्वास्थ्य प्रतिभूतियों को आगे बढ़ाने और आर्थिक संकट पर नजर रखने के बारे में समान चिंताएं रखते हैं। मोदी ने कहा कि पिछले साल सितंबर में जब मैं वॉशिंगटन आया था, तब आपने कहा था कि भारत-अमेरिका पार्टनरशिप बहुत सी वैश्विक समस्याओं के समाधान में योगदान दे सकती है। मैं आपकी बात से पूर्णतया सहमत हूं। विश्व के दो सबसे बड़े और पुराने लोकतंत्रों के रूप में, हम प्राकृतिक भागीदार हैं। आपने अपने कार्यकाल के शुरू में ही एक बहुत महत्वपूर्ण स्लोगन दिया था - Democracies can Deliver. भारत और अमेरिका की साझेदारी की सफलता इस स्लोगन को सार्थक करने का सबसे उत्तम जरिया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि हम एक मजबूत और बढ़ती प्रमुख रक्षा साझेदारी साझा करते हैं। हमारी अधिकांश भागीदारी हमारे लोगों और हमारे साझा मूल्यों के बीच एक गहरा संबंध है। मैं यूक्रेन के लोगों के लिए भारत के मानवीय समर्थन का स्वागत करना चाहता हूं। संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत हमारे घनिष्ठ परामर्श को जारी रखेंगे और इस रूसी युद्ध के स्थिर प्रभावों का प्रबंधन कैसे करेंगे। हमारा निरंतर परामर्श और संवाद यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि यूएस-भारतीय संबंध गहरा और मजबूत होता रहे।
जो बाइडेन ने कहा कि मैंने आज भारत के प्रधानमंत्री मोदी से बात की। हम एक शांतिपूर्ण और समृद्ध दुनिया की तलाश में अपने रक्षा, आर्थिक और लोगों से लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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