बाबा बर्फानी का दर्शन करना चाहते हैं? अमरनाथ यात्रा के लिए इस तारीख से करा सकेंगे रजिस्ट्रेशन 

अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालु 11 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। सभी भक्तों और इच्छुक यात्रियों की जानकारी के लिए है कि श्री अमरनाथजी यात्रा 2022 के लिए अग्रिम रजिस्ट्रेशन शुरू हो रहा है।

Want to darshan Barfani Baba? Registration for Amarnath Yatra will be done from 11 April 
अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन की तारीख का ऐलान  
मुख्य बातें
  • अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन की तारीख का ऐलान कर दिया गया है।
  • अमरनाथ यात्रा 30 जून से शु्रू होगी।
  • यात्रा 43 दिनों तक चलेगी।

अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालु 11 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। सभी भक्तों और इच्छुक यात्रियों की जानकारी के लिए है कि श्री अमरनाथजी यात्रा 2022 के लिए अग्रिम रजिस्ट्रेशन 11 अप्रैल 2022 से शुरू होगा। कोरोना की वजह से अमरनाथ यात्रा दो साल से निलंबित थी। अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने हाल ही में इसे 30 जून से शुरू करने का फैसला किया है। अब यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन की तारीख का ऐलान कर दिया गया है। यहा यात्रा 43 दिनों तक चलेगी और रक्षा बंधन पर समाप्त होगी। अमरनाथ यात्रा हिंदू धर्म की सबसे कठिन यात्राओं में से एक है। इसके लिए पहले रजिस्ट्रेशन कराए जाते हैं। यात्रा करने वालों की स्वास्थ्य की भी जांच होती है।

राजभवन के अधिकारियों ने बताया कि इस बार अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू होगी और परंपरा के अनुसार 43 दिन बाद रक्षाबंधन के दिन इसका समापन होगा। कोविड के सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए यात्रा का आयोजन किया जाएगा।वर्ष 2020 और 2021 में अमरनाथ यात्रा कोरोना महामारी की वजह से निलंबित कर दी गयी थी जबकि वर्ष 2019 में अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त किए जाने से पहले यात्रा बीच में ही पांच अगस्त को स्थगित करनी पड़ी थी।

 अमरनाथ गुफा मंदिर के लिए तीर्थयात्रा अनंतनाग जिले में पहलगाम मार्ग और गंदेरबल जिले में बालटाल मार्ग, दोनों से शुरू होगी जबकि ऑनलाइन पंजीकरण 11 अप्रैल से शुरू होगा। जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को अगस्त 2019 में समाप्त किये जाने के कारण उस वर्ष अमरनाथ यात्रा बीच में ही रद्द कर दी गयी थी, जबकि कोरोना वायरस महामारी के कारण पिछले दो वर्षों- यानी 2020 और 2021 में सांकेतिक यात्रा की ही अनुमति दी गयी थी।

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बैठक की जानकारियां देते हुए प्रवक्ता ने कहा कि बोर्ड ने मार्ग के आधार पर श्रद्धालुओं की दैनिक संख्या 10,000 तक सीमित रखने का फैसला किया है। इसमें हेलीकॉप्टर से यात्रा करने वाले यात्री शामिल नहीं हैं। उन्होंने बताया कि बोर्ड ने 2.75 किलोमीटर लंबे बालटाल से डोमेल मार्ग पर श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क बैटरी कार सेवा शुरू करने का भी फैसला किया है। बोर्ड दुनियाभर के श्रद्धालुओं के लिए सुबह और शाम होने वाली आरती का सीधा प्रसारण भी करेगा। यात्रा, मौसम और कई सेवाएं ऑनलाइन प्राप्त करने के बारे में सूचना प्राप्त करने के लिए गूगल प्ले स्टोर पर ‘श्री अमरानाथजी यात्रा’ ऐप मुहैया करायी गयी है।

पवित्र गुफा में बाबा अमरनाथ का शिवलिंग अपने आप तैयार होता है। गुफा में ऊपर से बर्फ की बूंदें टपकती रहती हैं, जिससे करीब 10 फुट लंबा ठोस बर्फ का शिवलिंग बन जाता है। गुफा की परिधि करीब डेढ़ सौ फुट है।  गुफा 11 मीटर ऊंची है और इसकी लंबाई 19 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर है।  ये समुद्रतल से 13,600 फुट की उंचाई पर स्थित है।

खास बात यह है कि चन्द्रमा के घटने-बढ़ने के साथ-साथ इस बर्फ का आकार भी घटता-बढ़ता रहता है। श्रावण पूर्णिमा तक शिवलिंग अपने पूर्ण आकार को प्राप्त कर लेता है। हिमानी शिवलिंग या बाबा बर्फानी के नाम से भी पुकारा जाता है। आषाढ़ पूर्णिमा से लेकर सावन महीने तक पवित्र हिमलिंग के दर्शन के लिए यहां हर साल लाखों लोग आते हैं। कश्मीर के श्रीनगर से करीब 135 किमी दूर बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए दुर्गम यात्रा करनी पड़ती है।

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