नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने डेनमार्क के प्रधानमंत्री के साथ पीएम मोदी की बातचीत का एक हिस्सा शेयर करते हुए तंज किया था, जिसमें वह विंड एनर्जी टरबाइन के जरिये हवा से पानी अवशोषित कर स्वच्छ पेयजल बनाने की बात करते सुने जा रहे हैं। राहुल गांधी ने पीएम मोदी की 'समझ' पर सवाल उठाए तो बीजेपी ने भी पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता के 'ज्ञान' पर सवाल उठाए। अब काउंसिल ऑफ साइंटिफिक ऐंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) ने कहा है कि यह एक स्थापित तकनीक है।
सीएसआईआर ने वातावरण से पानी को संघनित कर पेयजल उपलब्ध कराने के लिए मैत्री एक्वाटेक के साथ मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर हस्ताक्षर किए हैं। सीएसआईआर ने ट्वीट कर कहा, 'एटमॉस्फेरिक वॉटर जेनरेटर मेथड अच्छी तरह स्थापित है और हवा से पानी संघनित कर पेयजल उपलब्ध कराने पर काम हो रहा है। सीएसआईआर ने मैत्री एक्वाटेक के साथ एमओयू साइन किया है और जॉइंट पेटेंट हासिल किया है। रेलवे स्टेशनों पर मेघदूत AWG लगे हैं।'
सीएसआईआर ने अपने ट्वीट में नरेंद्र मोदी, पीएमओ इंडिया और सरकार के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर को भी टैग किया है। हवा से पानी की बूंदों को संघनित कर किस तरह पेयजल तैयार किया जा सकता है, सीएसआईआर ने इसे समझाते हुए एक ग्राफिक भी शेयर किया है।
राहुल गांधी ने किया था तंज
इससे पहले राहुल गांधी ने पीएम मोदी की डेनमार्क के पीएम के साथ बाचचीत का अंश साझा करते हुए लिखा था, 'असली खतरा यह नहीं है कि हमारे प्रधानमंत्री समझते नहीं। तथ्य यह है कि उनके आस-पास के किसी शख्स में यह कहने की हिम्मत नहीं है।'
कांग्रेस नेता ने जो वीडियो क्लिप शेयर किया है, उसमें पीएम मोदी को कहते सुना जा रहा है कि जहां नमी ज्यादा है, वहां अगर विंड एनर्जी टरबाइन के जरिये हवा से पानी अवशोषित कर साफ पेयजल बनाया जा सके तो वे एनर्जी का भी काम करेंगे और पीछे से पानी भी मिल पाएगा। इससे कई गांवों में पेयजल समस्या खत्म हो सकती है।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।