Weather Forecast Today, 3 february 2022 (आज का मौसम):  आज भी जारी रहेगा ठंड का सितम, कुछ जगहों पर बारिश का पूर्वानुमान

Weather Forecast Today, 3 february 2022 (आज का मौसम):  ठंड का सितम पीछा नहीं छोड़ रहा है मौसस विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक देश के कई हिस्सों में आज ठंड के कहर के साथ बारिश हो सकती है जिससे और गलन बढ़ सकती है।

Weather Forecast Today-3 February 2022
जानें कैसा रहेगा आज का मौसम 

Weather Forecast Today, 3 February 2022: कश्मीर में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे चला गया है और मौसम विज्ञान विभाग ने अगले तीन दिनों में बारिश या बर्फबारी का अनुमान जताया है। गर में शून्य से 1.9 डिग्री सेल्सियस कम तापमान दर्ज किया गया है जो पिछली रात के 1.8 डिग्री से. तापमान से चार डिग्री कम है। 

भारत मौसम विज्ञान विभाग  (IMD) ने राजधानी दिल्ली के लिए अपने साप्ताहिक पूर्वानुमान में कहा कि 3 फरवरी से 5 फरवरी तक तीन दिनों तक बारिश और बादल छाए रहने के बाद, दिल्ली में 6 फरवरी से आसमान साफ रहेगा। आईएमडी ने कहा, उत्तर भारत में, फरवरी के महीने में, सामान्य से अधिक औसत वर्षा होने की संभावना है, जो कि लंबी अवधि के औसत का 121 प्रतिशत से अधिक है, जो कि 1961-2010 के बीच दर्ज की गई 65.3 मिमी है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, 2 से 4 फरवरी के दौरान उत्तर पश्चिम भारत में बारिश का दौर रहेगा। पंजाब, हरियाणा में कोल्ड डे की स्थिति रहेगी और उसके बाद समाप्त हो जाएगी वहीं उत्तर प्रदेश में रात/सुबह के घंटों में अलग-अलग इलाकों में घना से बहुत घना कोहरा पड़ने की संभावना है। 

बारिश की तीव्रता 3 फरवरी को अधिक रहेगी

आईएमडी के मुताबिक पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित उत्तर-पश्चिम भारत में 2 फरवरी से लेकर 4 फरवरी के दौरान हल्की से मध्यम बारिश होगी। 3 और 4 फरवरी को पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में हल्की/मध्यम वर्षा होने की संभावना है। बारिश की तीव्रता 3 फरवरी को अधिक रहेगी साथ ही 2-3 फरवरी को हिमाचल प्रदेश में और 3-4 फरवरी को उत्तराखंड के अलग-अलग क्षेत्र में ओलावृष्टि की संभावना है।

अब चिल्लई खुर्द (कम ठंड) और 10 दिवसीय चिल्लई बच्चा शुरू होगा

कश्मीर घाटी में चिल्लई कलां पिछले साल 21 दिसंबर को शुरू हुआ। चिल्लई कलां तब शुरू होता है जब क्षेत्र में शीत लहर का प्रकोप होता है और पारा इतना गिर जाता है कि यहां मशहूर डल झील समेत जलाशय जम जाते हैं। इस अवधि के दौरान बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक रहती है खासतौर से पहाड़ी इलाकों में, चिल्लई कलां की अवधि 31 जनवरी को समाप्त हुई। इसके बाद 20 दिन का चिल्लई खुर्द (कम ठंड) और 10 दिवसीय चिल्लई बच्चा शुरू होगा।

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