नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी चीख चीख कर कहती हैं कि उनके जीते जी कोई इसे बंगाल में लागू नहीं कर सकता है। उनके इस बयान के विरोध में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष खुली चुनौती देते हैं। वो कहते हैं दुनिया जानती है कि वो किस तरह से राज्य में सत्ता में आईं। लेकिन अब उनके दिन पूरे हो चुके हैं। तुष्टीकरण की राजनीति की मियाद पूरी हो चुकी है।
नॉर्थ 24 परगना की एक सभा में उन्होंने कहा कि 50 लाख से ज्यादा मुस्लिम घुसपैठियों की पहचान की जाएगी, और अगर जरूरत हुई तो उन्हें देश से भगा दिया जाएगा। पहले उनके नामों को मतदाता सूची से हटाया जाएगा उसके बाद दीदी यानि ममता बनर्जी तुष्टीकरण नहीं कर पाएंगी। अपनी बात के समर्थन में वो फिर कहते हैं कि अगर ऐसा हुआ तो दीदी के वोटों की संख्या में कमी आ जाएगी और आने वाले चुनाव में जहां हम 200 सीटों पर जीत दर्ज करेंगे वहीं ममता बनर्जी को 50 सीटें हासिल करना भी मुश्किल हो जाएगी।
ममता बनर्जी की सरकार में अगर कोई शख्स 500 करोड़ की संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है तो वो आसानी से बचकर निकल जाता है। लेकिन जब हम सत्ता में आएंगे तो इस तरह के लोगों की पहचान करने के साथ उन्हें गोली मार दी जाएगी। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। सीएए के विरोध के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान के लिए बीजेपी नेता ममता को सीधे तौर पर जिम्मेदार मानते हैं। बीजेपी नेता कहते हैं कि ममता बनर्जी को यूपी, हिमाचल, उत्तराखंड में नुकसान नजर आता है। लेकिन वो भूल जाती है कि बीजेपी शासित सरकारों ने साफ कर दिया कि दंगाइयों के साथ किसी तरह हमदर्दी नहीं रखी जाएगी।
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