नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वालों पर पश्चिम बंगाल बीजेपी के मुखिया दिलीप घोष ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा की दीदी यानि ममता बनर्जी की पुलिस ने सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों के साथ क्या किया।उनकी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की क्योंकि वो उनके वोटर्स थे। लेकिन जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार है जैसे यूपी, असाम और कर्नाटक में बलवाइयों को पुलिस ने कुत्तों की तरह मारा।
दिलीप घोष कहते हैं कि सीएए का विरोध करने वाले यहां आएंगे हमारा खाना खाएंगे यहां पर ठहरेंगे और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाएंगे। क्या यह आपकी जमींदारी है। हम आपका लाठियों से जवाब देंगे, गोली मारेंगे और जेल के अंदर कर देंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी विषय पर विरोध करने का हक हर किसी को है। लेकिन सरकारों को यह देखना होगा कि जो लोग सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाते हैं उनके खिलाफ किस तरह की कार्रवाई होती है।
बंगाल के दो दिनों के दौरे पर पीएम मोदी कोलकाता गए थे। वहां पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने उनसे मुलाकात की थी। जब ममता से पूछा गया कि उन्होंने पीएम से क्या मांग की तो उस सवाल के जवाब में कहा कि वो एक बार सीएए, एनआरसी और एपीआर के मुद्दे पर पीएम से दखल देने की अपील की। ये बात अलग है कि वाम दलों और कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए पूछा कि आखिर वो क्या संदेश देना चाहती हैं। सवाल ये है कि ममता बनर्जी को विपक्ष के साथ एका बनाकर चलने में क्या दिक्कत है।
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