नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि मैंने राज्य से जुड़े कई मुद्दों पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। हमने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के विस्तार के मुद्दे पर भी बात की और इस फैसले को वापस लेने की मांग की। बंगाल के बीएसएफ अधिकार क्षेत्र के बारे में बात करते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर बीएसएफ को अधिक शक्ति मिलती है, तो यह कानून-व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ देती है और किसी को पता होना चाहिए कि कानून राज्य का विषय है।
ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य में हुई प्राकृतिक आपदाओं के लिए केंद्र से 96,605 करोड़ रुपए अभी तक नहीं मिले हैं। बनर्जी ने कहा कि मैंने त्रिपुरा हिंसा पर पीएम मोदी से भी बात की।
यूपी विधानसभा चुनाव के बारे में पूछे जाने पर ममता बनर्जी का कहना है कि अगर अखिलेश (समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव) को हमारी मदद की जरूरत है, तो हम मदद के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि मैं 30 नवंबर-1 दिसंबर को अपनी मुंबई यात्रा के दौरान महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे और शरद पवार जी से मिलूंगी। ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को ग्लोबल बिजनेस मीट के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया।
इससे पहले ममता बनर्जी ने बुधवार को ही भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी से मुलाकात की। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख से मुलाकात के बाद स्वामी ने कहा कि उन्होंने पश्चिम बंगाल के राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा की। दोनों ने मुलाकात के बाद तस्वीरें भी खिंचवाईं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह टीएमसी में शामिल होंगे तो भाजपा नेता ने कहा कि मैं पहले से ही उनके साथ था। मेरे शामिल होने की कोई जरूरत नहीं है।
स्वामी ने बाद में ट्वीट किया कि मैं जितने भी राजनेताओं से मिला या उनके साथ काम किया, उनमें से ममता बनर्जी जेपी (जयप्रकाश नारायण), मोरारजी देसाई, राजीव गांधी, चंद्रशेखर और पीवी नरसिम्हा राव के साथ रैंक करती हैं, जिनका जो कहना था उसका मतलब था और उन्होंने जो कहा उसका मतलब था। भारतीय राजनीति में यह एक दुर्लभ गुण है।
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