क्या है छावला रेप केस : दुष्कर्म के बाद दरिदों ने पीड़िता की आंखों में डाला था तेजाब, 10 साल बाद SC में कल सुनवाई

छावला रेप केस में अब शीर्ष अदालत फैसला देगी। अभियुक्‍तों ने दिल्‍ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है, जिसमें उन्‍हें दोषी ठहराते हुए मृत्‍युदंड दिया गया था। यह मामला साल 2012 में 19 साल की एक युवती के अपहरण और उसके साथ हैवानियत का है।

क्या है छावला रेप केस? 10 साल बाद SC में कल सुनवाई
क्या है छावला रेप केस? 10 साल बाद SC में कल सुनवाई  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • छावला रेप केस में 7 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी
  • अभियुक्‍तों ने इस मामले में दिल्‍ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है
  • यह मामला फरवरी 2012 में एक युवती के अपहरण, रेप व हत्‍या का है

नई दिल्‍ली : छावला रेप केस में 10 साल बाद सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार (7 अप्रैल) को सुनवाई होनी है। यह मामला 19 साल की युवती के अपहरण, उसके साथ दरिंदगी और हैवानियत का है, जिसमें अभियुक्‍तों ने उसके साथ रेप के बाद आंखों में तेजाब तक डाल दिया था। रोंगटे खड़े कर देने वाली यह घटना साल 2012 की है, जब पीड़‍िता दफ्तर से लौट रही थी और अपराधियों ने उसे अगवा कर अपहरण के बाद इस नृशंस वारदात को अंजाम दिया था। पीड़‍िता का क्षत-विक्षत शव बरामद किया गया था, जिससे यह भी सामने आया था कि अभियुक्‍तों ने अमानवीयता की सारी हदें पार करते हुए कार टूल्‍स के तौर पर इस्‍तेमाल उपकरणों से उस पर हमला किया था।

जस्टिस उदय उमेश ललित, जस्टिस रवींद्र भट और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने 29 मार्च को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और अगली सुनवाई के लिए 7 अप्रैल की तारीख तय की थी। इस मामले में दोषी ठहराए गए अभियुक्‍तों की सजा का ऐलान गुरुवार को होना है, जिसके लिए अदालत की कार्यवाही अपराह्न 3 बजे शुरू होगी। खंडपीठ ने कहा कि इसम माले में चीफ जस्टिस से दिशा-निर्देश मिलने के बाद सजा पर सुनवाई के लिए 7 अप्रैल अपराह्न 3 बजे का समय तय किया गया है।

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अभियुक्‍तों ने सजा को दी है चुनौती

दिल्‍ली की एक अदालत ने फरवरी 2014 में इस मामले में तीन मुख्‍य अभियुक्‍तों- रवि कुमार, राहुल और विनोद को 2012 में युवती के अपहरण और दुष्‍कर्म मामले में दोषी ठहराते हुए उन्‍हें मौत की सजा सुनाई थी, जिसकी पुष्टि दिल्‍ली हाई कोर्ट ने भी 26 अगस्‍त, 2014 को यह कहते हुए कि कि वे किसी 'वहशी जानवर की तरह शिकार की तलाश में थे।' तीनों के खिलाफ पीड़‍िता के अपहरण, उसके साथ दुष्‍कर्म और हत्‍या के केस में कई धाराएं लगाई गई थीं, जिसमें अदालत ने उन्‍हें दोषी पाया। लेकिन तीनों अभियुक्‍तों ने दिल्‍ली हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर अब गुरुवार को सुनवाई होनी है।

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यह मामला फरवरी 2012 का है, जब 19 साल की एक युवती का शव हरियाणा में बरामद किया गया था। बाहरी दिल्‍ली के छावला (नजफगढ़) पुलिस स्‍टेशन में यह केस दर्ज किया गया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, अभियुक्‍तों ने पहले युवती को अपहरण किया, फिर उसके साथ रेप किया और फिर बर्बरतापूर्वक उसकी हत्‍या कर शव को हरियाणा के रेवाड़ी जिले के रोधई गांव में एक खेत में फेंक दिया था। युवती का 9 फरवरी, 2012 को उस वक्‍त कार में सवार तीन लोगों ने कुतुब विहार इलाके में उसके घर के पास से अपहरण कर लिया था, जब वह दफ्तर से लौट रही थी। इस जघन्‍य वारदात को रवि कुमार ने अपने दो सहयोगियों की मदद से अंजाम दिया था। अब तक जांच में सामने आया है पीड़‍िता ने रवि कुमार की ओर से 'प्रेम संबंध' की पेशकश ठुकरा दी थी, जिसके बाद उसने इस घृणित व नृशंस वारदात को अंजाम दिया।

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