Herd Immunity: हर्ड इम्यूनिटी दिलाएगा कोरोना से छुटकारा! क्या है ये जिसके तहत बड़ी आबादी को करना होगा संक्रमित

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 सृष्टि वर्मा
Updated Apr 23, 2020 | 14:31 IST

What is Herd Immunity: बड़े-बड़े वैज्ञानिक, शोधकर्ता और डॉक्टरों की टीम रात-दिन कर इस वायरस की वैक्सीन निकालने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी है इस बीच हर्ड इम्यूनिटी की चर्चा जोरों पर है।

what is herd immunity
हर्ड इम्यूनिटी क्या है  |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • कोरोना वायरस ने अपने कहर से पूरी दुनिया की तस्वीर बदल कर रख दी है
  • वैज्ञानिक सलाहकारों ने इससे छुटकारा पाने के लिए हर्ड इम्यूनिटी की सलाह दी है
  • हर्ड इम्यूनिटी के जरिए बड़ी आबादी को संक्रमित कर उनसे एंटीबॉडीज तैयार की जाएगी

नई दिल्ली : कोरोना वायरस ने अपने कहर से पूरी दुनिया की तस्वीर बदल कर रख दी है। भारत सहित दुनियाभर में करीब डेढ़ लाख से भी ज्यादा लोगों ने इस महामारी की चपेट में आकर अपनी जान गंवा दी है। बड़े-बड़े वैज्ञानिक, शोधकर्ता और डॉक्टरों की टीम रात-दिन कर इस वायरस की वैक्सीन निकालने की कोशिश कर रहे हैं हालांकि अब तक उन्हें इसमें किसी प्रकार से कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। वहीं कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि हर्ड इम्यूनिटी की सहायता से कोविड-19 महामारी से छुटकारा पाया जा सकता है।

इस शब्द से हालांकि कई लोग अनजान हैं और आज हम बताने जा रहे हैं कि क्या होता है हर्ड इम्यूनिटी जो आजकल बेहद चर्चा में है और जिसकी मदद से कोरोना वायरस का खात्मा करने का दावा किया जा रहा है। कोरोना वायरस बड़ी ही तेजी से लोगों को बीच फैलता है। इसे रोकने के लिए बड़ी आबादी में लोगों का इस वायरस से छुटकारा पाना पहला स्टेप होगा। लेकिन हम एक बड़ी आबादी को इससे कैसे इम्यून करेंगे। ऐसे ही केस में पर हर्ड इम्यूनिटी की बात की जाती है।

क्या है हर्ड इम्यूनिटी
जब एक बड़ी आबादी एक गंभीर बीमारी से ठीक हो जाती है वे लोग उन दूसरी बड़ी आबादी को इम्यूनिटी प्रदान करते हैं यानि उन्हें अप्रत्यक्ष रुप से सुरक्षा प्रदान करते हैं इसे ही हर्ड इम्यूनिटी कहते हैं। इस प्रक्रिया में सबसे पहले एक बड़ी आबादी को उस विशेष वायरस से बीमार बनाया जाता है। वैज्ञानिक सलाहकारों ने एक देश को ये सलाह दी है कि करीब 60 फीसदी आबादी को कोरोना से संक्रमित कर दो इसके बाद ये सभी संक्रमित लोग इस कोरोना वायरस से इम्यून हो जाएंगे। यूके के वैज्ञानिकों ने ऐसी सलाह दी है।

कोरोना के इलाज में इस तरह होगा सहायक
हर्ड इम्यूनिटी मेडिकल साइंस की एक बहुत पुरानी प्रक्रिया है। इसका तरीका ये है कि किसी देश की एक बड़ी आबादी को वायरस से संक्रमित कर दिया जाए इससे कुछ समय बाद उनके शरीर में वायरस को लेकर एंटीबॉडीज बनने लगें और वे इस वायरस से इम्यून हो जाएं। इससे फायदा ये होगा कि भविष्य में फिर वो वायरस उनके लिए खतरा साबित नहीं होगा मतलब वह वायरस उनके शरीर में बिना जहर वाला सांप बन कर मात्र रह जाएगा।

इस देश में वैज्ञानिकों ने दी सलाह
वैज्ञानिकों की योजना ये है कि युनाइटेड किंगडम की 60 फीसदी आबादी को कोरोना से संक्रमित कर दिया जाए। फिर वे जब इम्यून हो जाएं तब उनके शरीर से एंटीबॉडीज लेकर उनसे कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाई जाए और फिर दुनिया के बाकी संक्रमित लोगों का इससे इलाज किया जा सके। बताया जाता है कि यूके की सरकार वैज्ञानिकों की इस सलाह से सहमत नहीं थी। सरकार का कहना था कि देश के मात्र एक हिस्से को नहीं बल्कि पूरे देश में हर्ड इम्यूनिटी लागू किया जाए जिससे पूरा देश वायरस से इम्यून हो जाता।

हर्ड इम्यूनिटी से ये फायदा मिलता कि जो लोग इस वायरसके हमले से बचे हैं उनको भी बनाया जाने वाला वैक्सीन दिया जाता फिर वे भी इसके खतरे से हमेशा के लिए बच जाते साथ ही जो इससे संक्रमित हो चुके हैं वे भी इस वैक्सीन के इलाज से बच जाते।

हर्ड इम्यूनिटी कैसे की जाती है
इसमें एक व्यक्ति को संक्रमित कर उससे फिर बाकी लोगों को संक्रमित किया जाता है इस प्रकार से एक बड़ी आबादी से वायरस से संक्रमित किया जाता है। कोरोना वायरस एक आदमी से 2 या 3 लोगों को संक्रमित कर सकता है। साथ ही संक्रमण फैलने की क्षमता व्यक्ति के प्रतिरोधक क्षमता और उस जगह के माहौल पर भी निर्भर करता है।

क्या पहले इसका इस्तेमाल हुआ है
बता दें कि इसके पहले इसका ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया गया है। लेकिन पोलियो जैसी महामारी के दौरान हर्ड इम्यूनिटी का इस्तेमाल किया गया था। पूरी दुनिया में हर्ड इम्यूनिटी का सबसे बढ़िया उदाहरण है पोलियो। पोलियो को रोकने के लिए पूरी दुनिया में अभियान चलाया गया था। आज भारत सहित दुनिया के कई देश पोलियोमुक्त हैं।   

  

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