नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ करीब 40 किसान संगठन दिल्ली की सीमा पर पिछले 71 दिन से बैठे हुए हैं। सरकार और किसानों के बीच 11 चक्र की बातचीत हो चुकी है। लेकिन नतीजा नहीं निकला है। इन सबके बीच कुछ विदेशी सेलिब्रिटियों ने जब किसानों के आंदोलन के संबंध में ट्वीट किया तो आवाज उठने लगी कि यह तो भारत को अस्थिर करने की वैश्विक साजिश है। जिन सेलिब्रिटियों ने ट्वीट किया उनमें अमेरिका पॉप स्टार रिहान और स्वीडन की सामाजिक और पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और टूलकिट की चर्चा होने लगी।
ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट के बाद चर्चा में टूलकिट
ग्रेटा थनबर्ग ने एक ट्वीट 3 फरवरी को किया था और दूसरा ट्वीट 4 फरवरी को। जब इस विषय पर हंगामा मचा तो पता चला कि दिल्ली पुलिस ने ग्रेटा थनबर्ग के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। लेकिन बाद में दिल्ली पुलिस ने बताया कि एफआईआर ग्रेटा थनबर्ग के खिलाफ नहीं बल्कि टूलकिट के लेखक के खिलाफ की गई है। अब सवाल यह है कि टूलकिट आखिर होता क्या है।
यहां पर ग्रेटा थनबर्ग के दो ट्ववीट के बारे में जानकारी दी गई है। पहले वाले ट्वीट यानी3 फरवरी का देखें तो वो किसान आंदोलन को समर्थन देती नजर आ रही हैं। और दूसरे ट्वीट में वो टूलकिट का जिक्र करती हैं। वो लिखती है इसमें अपडेटेड टूलकिट है जिसके जरिए आप भारत में आंदोलन कर रहे किसानों का समर्थन कर सकते हैं। इसके साथ यह भी लिखा कि वो घृणा या धमकियों से डरने वाली नहीं हैं।
क्या होता है टूलकिट
दरअसल टूलकिट के जरिए किसी आंदोलन के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है कि कैसे आप उससे जुड़ सकते हैं, किस तरह से समर्थन दे सकते हैं, यह एक तरह से सोशल मीडिया प्लानिंग का दस्तावेज होता है। किस तरह से किसी आंदोलन के संबंध में ट्वीट करना है, कौन सा हैशटैग इस्तेमाल कर सकते हैं, अगर किसी तरह की परेशानी आए तो किन लोगों से संपर्क साध सकते हैं।
आखिर टूलकिट कब चर्चा में आया
आप को याद होगा कि अमेरिका में एक अश्वेत शख्स की हत्या कर दी गई और अमेरिका सुलग उठा था। उसी दौरान ब्लैक लाइफ मैटर नाम से आंदोलन भी अस्तित्व में जिसे बाहरी मुल्कों के लोगों ने भी समर्थन दिया था उसी दौरान आंदोलन से जुड़े लोगों ने ही टूलकिच बनाया जिसमें तरह तरह की जानाकारी थी। उदाहरण के लिए आंदोलन में किन जगहों पर जाएं या दूर रहे हैं, सोशल मीडिया पर किस तरह से सक्रिय रह सकते हैं किन हैशटैग के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच बनाई जा सकती है। इसके साख ही अगर पुलिस कोई कार्रवाई करती है तो उससे किस तरह से बचा जा सकता है।
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