Farmani Naaz: इंडियन आइडल की पूर्व प्रतिभागी फरमानी नाज विवादों में घिर गई हैं। दरअसल कांवड़ यात्रा के दौरान भगवान शिव की प्रशंसा करने वाले गीत 'हर हर शंभू' के चलते मुस्लिम कट्टरपंथी उससे नाराज हो गए हैं। 24 जुलाई को फरमानी नाज द्वारा यूट्यूब पर पोस्ट किए गए इस गाने को अब तक 660,000 से अधिक बार देखा जा चुका है। देवबंद स्थित मौलवी मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि शरिया कानून के तहत गाने की अनुमति नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि 'कोई भी गाना' गाना 'हराम' है या इस्लाम में मना है। उन्होंने कहा कि खासकर खुद को मुस्लिम मानने वाली महिला को ऐसे गाने गाने से दूर रहना चाहिए।
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कौन हैं फरमानी नाज?
फरमानी नाज यूपी के मुजफ्फरनगर जिले की एक जानी-मानी गायिका हैं। उनकी लोकप्रियता उनके गृहनगर तक ही सीमित नहीं है, उनके यूट्यूब में 3.84 मिलियन सब्सक्राइबर हैं। इंडियन आइडल सीजन 12 में उनकी भागीदारी ने उन्हें अपने गांव और अपने प्रशंसकों के बीच स्टार का दर्जा दिलाया।
साल 2017 में फरमानी नाज की शादी मेरठ के इमरान से हुई थी। एक साल बाद बेटा भी हुआ, लेकिन ससुराल वालों ने पीड़ित बच्चे के मेडिकल बिलों का भुगतान करने के लिए फरमानी की मां से पैसों की मांग की। इससे परेशान होकर फरमानी नाज फिर अपनी मां के घर चली गई और वहां रहने लगी।
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फरमानी की मां फातिमा ने मीडिया को बताया कि बीजेपी नेता संजीव बालियान ने उनकी बेटी की तारीफ की थी और पोते के इलाज की व्यवस्था में मदद की थी। फातिमा ने बताया कि उनके गांव में एक लड़के ने वीडियो बनाया, जिसने फरमानी को गाते सुना और फिर उसे एक रिकॉर्डिंग का हिस्सा बनने के लिए कहा जिसे यूट्यूब पर अपलोड किया गया था।
फरमानी नाज ने अपने गाने के लिए बहुत वाहवाही बटोरी और इंडियन आइडल सीजन 12 में भाग लेने का फैसला किया। वह अपने भाई के साथ शो में दिखाई दीं और जजों को प्रभावित किया। इस बीच बेटे की तबीयत बिगड़ने के कारण उसे वापस लौटना पड़ा। हालांकि तब उसने गाने के लिए पीछे मुड़कर नहीं देखा और उसने पूरा समय अपने परिवार को दिया।
एक कलाकार का कोई धर्म नहीं होता- फरमानी नाज
वहीं लोगों के एक वर्ग द्वारा उनके गाने की आलोचना के जवाब में फरमानी ने कहा कि उसका परिवार गरीब है और उनके लिए जीने का यही एकमात्र साधन है। उसने यूट्यूब पर अपने वीडियो 'हर हर शंभू' में एक मैसेज डाला है, जिसमें कहा गया है कि एक कलाकार का कोई धर्म नहीं होता है। उसने लिखा कि गाने या संगीत का कोई धर्म नहीं होता। मास्टर सलीम, मोहम्मद रफी साब जैसे बुलंद गायकों ने भी भजन गए हैं, तो सभी से हाथ जोड़ कर निवेदन है कोई भी गाने या संगीत को धर्म से ना जोड़े, आपकी फरमानी नाज।
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