नई दिल्ली : शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की चौथी बार शपथ ली है। शिवराज का जन्म पांच मार्च 1959 को सीहोर जिले के जैत गांव में हुआ। इन्होंने बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी से दर्शनशास्त्र में एमए किया है। शिवराज की शादी साधना सिंह से हुई है और इनके दो बेटे हैं। शिवराज के पिता का नाम प्रेम सिंह चौहान और माता का नाम सुंदर बाई चौहान है। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान को 'मामा' के नाम से जाना जाता है। वह राज्य के बुधनी निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुने जाते रहे हैं। राजनीति में आने से पहले वह कृषि कार्य से जुड़े थे। शिवराज 2005, 2009 और 2014 में तीन बार मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक सफर
आरएसएस से जुड़ने के बाद अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की। साल 1972 में वह आरएसएस से जुड़े और 1976 में आपातकाल के खिलाफ आंदोलन में हिस्सा लिया। साल 1978 में उन्हें एबीवीपी का संगठन सचिव और 1980 में महासचिव बनाया गया। शिवराज के राजनीतिक जीवन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण घटनाक्रम इस प्रकार हैं-
शिवराज पहली बार 1990 में बुधनी सीट से मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए। साल 2005 में उन्हें बाबूलाल गौर के स्थान पर राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था। उस समय शिवराज राज्य के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष थे। वह संसद की कई समितियों में भी रह चुके हैं।
मध्य प्रदेश में लगातार तीन बार मुख्यमंत्री बनकर शिवराज सिंह चौहान ने रिकॉर्ड कामय किया। वह लगातार 13 साल तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं। इनके शासन में भाजपा राज्य में मजबूत हुई। पिछले विधानसभा चुनाव में उसे कांग्रेस से ज्यादा वोट मिले लेकिन सीटों के मामले में वह उससे पिछड़ गई। कांग्रेस के 15 महीनों के शासन के बाद भाजपा की यहां सरकार बनी है और राज्य की कमान एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान के हाथ में गई है।
बता दें कि कांग्रेस में बगावत होने के चलते कमलनाथ सरकार 15 महीने के अंदर ही सत्ता से बाहर हो गई। इसके बाद भाजपा के अगले मुख्यंत्री को लेकर कई नामों पर अटकलें लगाई जा रही थीं लेकिन सीएम पद की रेस में शिवराज ने एक बार फिर बाजी मार ली।
मध्य प्रदेश के सीएम पद पर रहते हुए चौहान कई बार विवादों में भी आए। राज्य के घोटाले व्यापमं को लेकर भी उनके ऊपर सवाल उठे। इसके अलावा साल 2009 में उन्होंने कहा कि राज्य में स्थानीय नौकरियां स्थानीय लोगों की दी जाएंगी 'बिहारियों' को नहीं। उनके इस बयान पर काफी विवाद हुआ। हालांकि, बाद में उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में सभी का स्वागत है। मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री रहते हुए शिवराज ने कई योजनाओं की शुरुआत की जिसे लोगों ने पसंद किया।
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